मानो या न मानो: संकल्प करोगे तो उत्तरायण में शरीर छूटेगा
punjabkesari.in Saturday, Dec 02, 2023 - 11:50 AM (IST)

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Mahabharat story: कौरवों और पांडवों की जब लड़ाई हुई भीष्म पितामह को तीर लगने पर शरीर शांत न हुआ। उन्होंने दृढ़ संकल्प किया था कि जब तक आत्मनिष्ठ न हो जाऊं तब तक शरीर नहीं छोड़ूंगा। पूरी तीरों की शैया बन गई। अट्ठारह दिन तक तीरों की शैया पर सोए।
कृष्ण ने उन्हें दर्शन दिए और ज्ञान दिया। द्रौपदी आई तो वह भी ज्ञान सुन रही थी। द्रौपदी ने कहा आप तो ज्ञान सुनाते हैं, जब मुझे नग्न किया गया उस समय आप कहां थे ?
तो उन्होंने कहा मैंने दुर्योधन का अन्न खाया था तो कुछ बोला नहीं। अब 18 दिन तीरों की सेज पर इसलिए सोया हूं कि पहले वाले अन्न का खून निकल जाए और शुद्ध ज्ञान अंदर रहे। जब सूर्य उत्तरायण में आए तब शरीर छूटा।
सिद्धांत : जब झूठा अन्न निकलेगा तब ज्ञान लगेगा। तीरों की सेज यानी कष्ट सहने होंगे। संकल्प करोगे तो उत्तरायण में शरीर छूटेगा।