Maha Shivratri 2025: शिवलिंग पर लौंग का जोड़ा चढ़ाने से मिलते हैं अनेक फायदे, जानें इसके पीछे की मान्यता
punjabkesari.in Thursday, Feb 20, 2025 - 08:58 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Maha Shivratri 2025: हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। उनकी पूजा में कई विशेष रीति-रिवाज और परंपराएं हैं, जिनका पालन भक्त भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए करते हैं। इन विशेष परंपराओं में एक महत्वपूर्ण कार्य है शिवलिंग पर लौंग का जोड़ा चढ़ाना। यह एक प्राचीन परंपरा है और इसके पीछे गहरी धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यता है। लौंग का जोड़ा चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और यह कई प्रकार के शुभ परिणाम लाता है। आइए, जानें इस परंपरा के पीछे की मान्यता और इसका महत्व।
लौंग का जोड़ा शिवलिंग पर चढ़ाने का धार्मिक महत्व
लौंग का जोड़ा भगवान शिव और उनकी शक्ति का प्रतीक माना जाता है। लौंग के दो हिस्से होते हैं, जो आपस में जुड़े होते हैं, जैसे शिव और शक्ति एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। भगवान शिव की उपासना में लौंग का यह जोड़ा विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह जुड़ाव और सामंजस्य का प्रतीक है। लौंग का जोड़ा चढ़ाने से यह विश्वास होता है कि जैसे शिव और शक्ति का संबंध कभी अलग नहीं हो सकता, वैसे ही भक्त के जीवन में भी भगवान शिव की शक्ति का वास स्थायी रूप से होगा।
शिवलिंग भगवान शिव का सबसे पवित्र रूप है और यह ब्रह्मा और विष्णु के समान सर्वोच्च देवता का प्रतीक है। शिवलिंग पर लौंग चढ़ाना इस विश्वास का प्रतीक है कि जैसे लौंग का जोड़ा कभी अलग नहीं हो सकता, वैसे ही भगवान शिव अपने भक्तों से हमेशा जुड़े रहते हैं। लौंग चढ़ाने से शिवलिंग की पूजा का महत्व बढ़ जाता है और भक्त को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
शिवलिंग पर लौंग चढ़ाने से शांति और सौभाग्य की प्राप्ति: लौंग को शांति और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। लौंग के दो सिरों का जुड़ा हुआ रूप इसे जोड़ और एकता का प्रतीक बनाता है। शिवलिंग पर लौंग का जोड़ा चढ़ाने से यह माना जाता है कि व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और शांति का वास होता है। यह व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है क्योंकि लौंग की खुशबू और औषधीय गुण उसे मानसिक शांति प्रदान करते हैं।
शिवलिंग और लौंग का संबंध: शिवलिंग पर लौंग का जोड़ा चढ़ाने की परंपरा का सीधा संबंध भगवान शिव से है। भगवान शिव के बारे में यह कहा जाता है कि वे भस्मासुर, राक्षसों और अन्य असुरों से लेकर सृष्टि के पालनहार तक सभी के रक्षक हैं। लौंग का जोड़ा भगवान शिव की पूजा में एक प्रतीक के रूप में चढ़ाया जाता है। यह माना जाता है कि लौंग चढ़ाने से भगवान शिव के रूद्र रूप को शांति मिलती है और वह अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करने के लिए आशीर्वाद देते हैं।
शिवलिंग पर लौंग चढ़ाने से शत्रु का नाश: हिंदू धर्म में यह विश्वास है कि भगवान शिव के प्रति अडिग श्रद्धा और प्रेम शत्रुओं को नष्ट करने की शक्ति रखता है। शिवलिंग पर लौंग का जोड़ा चढ़ाने से व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार के शत्रु दूर होते हैं। लौंग का यह जोड़ा उन शत्रुओं को नष्ट करने का प्रतीक माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में बाधा उत्पन्न करते हैं। शिवलिंग पर लौंग चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा से शत्रु पराजित होते हैं और जीवन में शांति स्थापित होती है।