Madan Lal Dhingra Birth Anniversary: आजादी के आन्दोलन में बनी शहीदों की माला के अमर मनके थे मदन लाल ढींगरा

punjabkesari.in Monday, Sep 18, 2023 - 08:04 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Madan Lal Dhingra: 20वीं शताब्दी के पहले दशक में जब अंग्रेजी शासन का दमन चक्र भारतीय जनता पर पूरी निरंकुशता से जारी था, जनता को बुरी तरह से रौंदा और कुचला जा रहा था। तब 1909 में लंदन में एक अंग्रेज गुप्तचर को सरेआम गोलियां मार कर पूरी दुनिया में तहलका मचाने वाले वीर योद्धा थे मदन लाल ढींगरा। एक संपन्न परिवार में जन्म लेकर मात्र 22 वर्ष की आयु में ही देश की आजादी के लिए फांसी का फंदा चूमने वाले इस वीर की शहादत से देश में आजादी की लड़ाई में तेजी आई।

PunjabKesari Madan Lal Dhingra Birth Anniversary

उनका जन्म पंजाब के अमृतसर में प्रसिद्ध सिविल सर्जन डॉक्टर दित्ता मल के घर 18 सितंबर, 1883 को हुआ। आधुनिक और पढ़ा-लिखा परिवार होने के कारण पिता अंग्रेजों के वफादारों की सूची में थे, जबकि माता अत्यंत धार्मिक एवं संस्कारी महिला थीं। 

1906 में बी.ए. करने के बाद आगे पढ़ने के लिए बड़े भाई के पास इंग्लैंड जाकर वहां के यूनिवर्सिटी कॉलेज में प्रवेश लिया। उन दिनों लन्दन भारत के क्रांतिकारियों का केंद्र था। श्यामजी कृष्ण वर्मा और विनायक दामोदर सावरकर भी वहां थे। श्यामजी ने इंडिया होमरूल सोसाइटी की स्थापना की थी और भारतीय छात्रों के रहने की व्यवस्था के लिए इंडिया हाऊस बना लिया था।

यहीं पर मदन लाल की मुलाकात वीर सावरकर से हुई जिनसे उन्होंने अपनी जन्म भूमि की आजादी के लिए कार्य करने की इच्छा व्यक्त की। सावरकर जी ने मदन लाल ढींगरा की कठिन परीक्षा ली। सावरकर जी ने इनके नाजुक हाथ में कील ठोका, जिससे खून बहने लगा लेकिन इस युवा और साहसी युवक ने हंस कर पीड़ा सहन की। क्रांतिकारी परीक्षा में सफल हुए तो वीर सावरकर जी ने खुश होकर इन्हें गले लगा अपने मिशन में शामिल कर लिया।

PunjabKesari Madan Lal Dhingra Birth Anniversary

इन पर देश की आजादी की धुन इस कदर सवार थी कि जब महान क्रांतिकारी खुदीराम बोस और उनके साथियों को फांसी दी गई तो ढींगरा शहीदों की स्मृति में बैज लगा कर कक्षा में गए। जिसके कारण इन्हें जुर्माना भी भरना पड़ा। उन दिनों एक गुप्तचर कर्जन वाइली ने क्रांतिकारियों पर कड़ी नजर रखी हुई थी।

1 जुलाई, 1909 की रात इंस्टीट्यूट ऑफ इंपीरियल स्टडीज के जहांगीर हाऊस में भारतीय राष्ट्रीय एसोसिएशन के वार्षिक दिन के रूप में भव्य कार्यक्रम किया जा रहा था, जिसमे बड़ी संख्या में भारतीय, सेवानिवृत्त अंग्रेज अफसर और नागरिक शामिल थे। कार्यक्रम में कर्जन वाईली भी शामिल था, जिसे देख कर मदन लाल ढींगरा का खून खौल गया। उन्होंने कर्जन के चेहरे पर बहुत ही करीब से 5 गोलियां दाग कर सदा के लिए मौत की नींद सुला दिया।

उसके बचाव के लिए आगे आए पारसी डॉक्टर कानस खुर्शीद लाल काका को भी गोली मार वहीं ढेर करने के बाद मदन लाल ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। इस प्रकार इस निडर नवयुवक ने बड़ी वीरता का परिचय देते हुए अपनी मातृभूमि के अपमान का बदला उनके देश की धरती पर खून के बदले खून बहाकर ले लिया।

PunjabKesari Madan Lal Dhingra Birth Anniversary

17 अगस्त को लंदन की पेंटविले जेल में फांसी से पूर्व इन्होंने बहुत ही निडरता से कहा कि मेरी शहीदी से स्वतंत्रता संग्राम में तेजी आएगी और वह आजादी के आन्दोलन में बनी शहीदों की माला के अमर मनके बन गए।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News