Maatr pitra dosha: अगर पितृ हो जाएं नाराज़, उठाना पड़ सकता है ये नुकसान

punjabkesari.in Friday, Nov 18, 2022 - 07:37 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Reasons and Effects of Pitra Dosh in the Kundli: जन्म पत्रिका में यदि पितृ ऋण दोष हो तो व्यक्ति को अशुभ फलों की प्राप्ति होती है। पितृ एवं मातृ ऋण कुंडली में किस तरह बनता है और उसके क्या परिणाम होते हैं, इन्हें जानने के साथ ही उनके निवारणार्थ ज्योतिष में क्या उपचार हैं, यह भी जानें-

PunjabKesari Maatr pitra dosha

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

Pitra rin dosh पितृ ऋण योग : जन्म पत्रिका के नवम भाव में बृहस्पति एवं शुक्र की युति हो। पंचम, नवम, द्वितीय एवं द्वादश भाव में कोई भी ग्रह हो। चतुर्थ में बुध एवं नवम में चंद्र हो। अष्टम में बुध एवं नवम में बृहस्पति होने पर पितृ ऋण दोष होता है।

PunjabKesari Maatr pitra dosha

परिणाम : पितृ ऋण होने पर जातक के बनते कार्य बिगड़ने लगते हैं। प्रत्येक कार्य में असफलता एवं निराशा मिलती है। घर में सुख-शांति एवं बरकत समाप्त होने लगती है। व्यक्ति असमय ही वृद्ध दिखाई देने लगता है।

उपचार : यदि ऐसी स्थिति हो तो प्रभावित व्यक्ति अपने संबंधियों से समान मात्रा में उचित धन लेकर किसी धर्मस्थल पर कोई निर्माण कराए या इस धन का दान कर दें। इससे पितृ ऋण से मुक्ति मिलना संभव है।

Mata Ka rin माता का ऋण : जन्म पत्रिका में चतुर्थ भाव में चंद्रमा एवं केतु की युति होने पर मातृ ऋण दोष होता है।

परिणाम : माता का ऋण पूर्व जन्म में माता का अपमान करने या उन्हें कष्ट देने के कारण होता है। प्रभावित व्यक्ति की पढ़ाई-लिखाई में रुकावट आती है। जमीन या मकान गिरवी रखने अथवा बेचने की नौबत हो सकती है। पशु या वाहन संबंधी बाधाएं मातृ ऋण के लक्षण हैं।

PunjabKesari Maatr pitra dosha

उपचार : जातक अपने परिवारजनों से समान मात्रा में चांदी लेकर अथवा स्वयं ही सबके हिस्से की चांदी लेकर अपनी सामर्थ्य के अनुसार नदी, तालाब में प्रवाहित करें। माता का आदर करें।

PunjabKesari kundli


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News