तीसरे नवरात्रि पर जरूर पढ़े मां चंद्रघंटा की यह व्रत कथा
punjabkesari.in Monday, Mar 31, 2025 - 10:39 AM (IST)
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Maa Chandraghanta katha: आज यानि 31 मार्च को चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है और इस दिन मां चंद्रघंटा की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। माता चंद्रघंटा को कल्याणकारी और शांतिदायक का रूप मानते हैं। माता के मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्रमा चिन्हित है। यही कारण है कि मां को चंद्रघंटा कहते हैं। मां चंद्रघंटा की पूजा करने से न केवल रोगों से मुक्ति मिल सकती है बल्कि मां प्रसन्न होकर सभी कष्टों को हर लेती हैं। ऐसे में यदि आप तीसरी नवरात्रि व्रत रख रहे हैं, तो मां चंद्रघंटा की पूजा विधि और कथा के बारे में जरूर जाना चाहिए। तो आइए जानते हैं मां चंद्रघंटा की पूजन विधि और व्रत कथा के बारे में-
मां चंद्रघंटा की व्रत कथा
माता चंद्रघंटा की प्रचलित कथा के मुताबिक, माता दुर्गा ने मां चंद्रघंटा का अवतार तब लिया था जब दैत्यों का आतंक बढ़ने लगा था। उस समय महिषासुर का भयंकर युद्ध देवताओं से चल रहा था। महिषासुर देवराज इंद्र का सिंहासन प्राप्त करना चाहता था। वह स्वर्ग लोक पर राज करने की इच्छा पूरी करने के लिए यह युद्ध कर रहा था। जब देवताओं को उसकी इस इच्छा का पता चला तो वे परेशान हो गए और भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के सामने पहुंचे। ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने देवताओं की बात सुन क्रोध प्रकट किया और क्रोध आने पर उन तीनों के मुख से ऊर्जा निकली। उस ऊर्जा से एक देवी अवतरित हुईं। उस देवी को भगवान शंकर ने अपना त्रिशूल, भगवान विष्णु ने अपना चक्र, इंद्र ने अपना घंटा, सूर्य ने अपना तेज और तलवार और सिंह प्रदान किया। इसके बाद मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का वध कर देवताओं की रक्षा की।
दूसरी नवरात्रि पर मां चंद्रघंटा का पूजन कैसे करें
तीसरे नवरात्र के दिन जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। स्नान के पश्चात साफ वस्त्र धारण करें। घर में मौजूद मां की प्रतिमा में मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप स्मरण करें। मां चंद्रघंटा पूजा शुरू करने से पहले माता को केसर और केवड़ा जल से स्नान कराना जरूरी है। उसके बाद सुनहरे रंग के वस्त्र पहना कर कमल और पीले गुलाब के फूल अर्पण करें। साथ ही माला भी चढ़ाएं। आप पंचामृत, मिश्री और मिठाई आदि से भोग लगाकर उनके मंत्रों का जाप करें। माना जाता है कि व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों से मुक्ति पाने के लिए माता चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाईयों का भोग लगाना चाहिए।