क्या लिविंग एरिया में दीवान रखने से बढ़ती है पॉज़िटिविटी? जानें सही वास्तु नियम
punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 12:36 PM (IST)
Living Area Diwan Vastu: जब हम अपने घरों को सजाते हैं, तो लिविंग रूम यानी बैठक को आधुनिक सोफ़ा सेट और स्टाइलिश आर्मचेयर से भरना एक आम चलन है। लेकिन, हमारे भारतीय घरों की एक पारंपरिक और बहुउपयोगी विरासत है- दीवान। क्या यह आरामदायक और जगह बचाने वाला फ़र्नीचर का टुकड़ा आज के आधुनिक लिविंग रूम में फिट हो सकता है? यह सवाल कई लोगों के मन में आता है कि क्या दीवान को जगह देकर, हम अपने कमरे को एक आकर्षक, अनौपचारिक और आरामदायक लुक दे सकते हैं, या यह केवल जगह घेरने वाला पुराना चलन है। तो आइए जानते हैं कि घर के लिविंग एरिया में दीवान रखना कितना व्यावहारिक और डिज़ाइन की दृष्टि से कितना सही निर्णय साबित हो सकता है।

दीवान रखने के फ़ायदे
यह सोफे की तुलना में अधिक लोगों को बैठाने का एक अनौपचारिक और आरामदायक तरीका प्रदान करता है, खासकर जब आपके घर में मेहमानों की संख्या ज़्यादा हो। दीवान दिन में आराम करने, झपकी लेने, या लेटकर पढ़ने के लिए बेहतरीन होता है। यह सोफे से ज़्यादा फ़ैलाव देता है। अधिकांश पारंपरिक दीवानों में ऊपर उठाने योग्य ढक्कन या ड्रावर होते हैं। यह लिविंग रूम के अनावश्यक सामान को छुपाने के लिए एक शानदार स्टोरेज समाधान प्रदान करता है। अगर आप अपने घर को देहाती या पारंपरिक भारतीय लुक देना चाहते हैं, तो एक लकड़ी का नक्काशीदार दीवान आपकी सजावट में चार चांद लगा सकता है।

दीवान रखने के नुकसान
दीवान बैठने की जगह को थोड़ा अधिक अनौपचारिक बना देता है। अगर आप अपने लिविंग रूम को बेहद औपचारिक या क्लासी लुक देना चाहते हैं, तो सोफा सेट अधिक उपयुक्त हो सकता है। दीवान आमतौर पर सोफे की तुलना में चौड़ाई में ज्यादा होते हैं। छोटे अपार्टमेंट या तंग लिविंग रूम में बहुत ज़्यादा जगह घेर सकता है और कमरे को संकरा महसूस करा सकता है।चूंकि दीवान पर लेटा जा सकता है, लोग अक्सर इस पर रजाई, चादरें, या अतिरिक्त तकिए छोड़ देते हैं, जिससे लिविंग रूम अव्यवस्थित दिख सकता है। दीवान सोफे की तुलना में थोड़ा ऊंचा या नीचा हो सकता है। बुजुर्गों या घुटने की समस्या वाले लोगों के लिए इससे उठना-बैठना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

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