क्या होता है हंस योग, ज्योतिष से जानें इसका कुंडली पर प्रभाव
punjabkesari.in Wednesday, Jul 03, 2019 - 01:01 PM (IST)

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प्रत्येक इंसान की कुंडली में ऐसे कई योग होते हैं जिसका उनके जीवन पर अच्छा-बुरा प्रभाव पड़ता है। मगर बहुत से लोग होते हैं जिन्हें इन योग के बारे में पता नहीं होता। अब ज़ाहिर सी बात इन योगों का असर शुभ है या अशुभ ये तो तब ही पता चलेगा जब इनके बारे में कोई जानकारी होगी। आज हम अपने इस आर्टकिल में आपको एक ऐसे ही योग के बारे में बताएंगे जो अगर किसी की कुंडली में ये योग बन जाए तो बहुत शुभ होता है बल्कि इससे कई तरह के लाभ भी प्राप्त होते हैं।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हंस योग को एक बेहद शुभ योग माना जाता है। कहा जाता है इस योग का संबंध देवगुरु बृहस्पति से होता है। बता दें अगर गुरु अपनी स्वराशि मीन या धनु अथवा उच्च राशि कर्क में स्थित होकर जन्म कुंडली के केन्द्र स्थान में हो तो ऐसे में हंस नामक योग बनता है।
कहा जाता है इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति अधिक बुद्धिमान और आध्यात्मिक होता है। अपने इन्हीं गुणों के चलते समाज में इन्हें काफ़ी प्रसिद्धि प्राप्त होती है। इस योग के बारे में ये भी कहा जाता है कि इसके प्रभाव वाले जातक हमेशा अपने क्षेत्र में महारथ हासिल करते हैं। चूंकि इस योग में जन्में लोग धर्म व आध्यात्म प्रवृति वाल होते है इसी के चलते ये धर्म आदि से जुड़े काम में विशेष पद प्राप्त करते हैं। इसके अलावा इनके लेकचरार या प्रोफेशर बनने की अधिक संभावनाएं होती हैं।
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जिन लोगों की कुंडली में यह योग बनता है उनका व्यक्तित्व बहुत ही सुंदर होता है। इनकी बुद्धि के तेज़ होने के कारण इन्हें कभी धन की कमी नहीं होती। इस योग का संबंध देवगुर बृहस्पति से होता है इसलिए इन पर इनक विशेष कृपा रहती है। दोस्तों के मामल में भी ये बहुत धनी होते हैं। इसका कारण है इनकी सोच जो बहुत सकारात्मक होती है। माना जाता है इनका संपूर्ण जीवन सुखमय रहता है। समाजिक कार्यों में इनकी ज्यादा रूचि होती है। जिस वजह से इन्हें समाज में काफी सम्मान मिलता है।
इनके बारे में ये भी कहा जाता है कि अपनी क्षमता और योग्यता के आधार पर ये भीड़ में भी अपने लिए जगह बना ही लेते हैं। जिस कारण इन्हें समाज में आसानी से प्रसिद्धि मिल जाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति ग्रह लग्न या चन्द्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दशवें घर में कर्क, धनु अथवा मीन राशि में स्थित हो तो कुंडली में हंस योग बनता है। इसके अलावा तरह गुरु के किसी कुंडली में चौथे, सातवें या दसवें घर में होने की स्थिति में भी हंस योग बनता है। ज्योतिष विशेषज्ञों का कहना है लगभग हर 12वीं कुंडली में इस योग का निर्माण होता है।
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