टोने-टोटकों, झाड़-फूंक और यंत्र-मंत्र के क्षेत्र में कदम रखने वाले ध्यान रखें ये बात
punjabkesari.in Friday, Nov 27, 2020 - 08:05 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
भगवान की भक्ति और पूजा नियमित रूप से कीजिए। भक्ति में बड़ी शक्ति है। आप टोने-टोटकों और यंत्र-मंत्र के क्षेत्र में जो कुछ भी कर पाते हैं वह सब आपकी भक्ति और ईश्वर की कृपा का ही कमाल होता है।
जब भी मन करे चींटिंयों को चीनी मिश्रित आटा खिलाया करें। यथासंभव यह प्रयास किया करें कि आपके पैरों से चींटियां अथवा अन्य निरीह छोटे-छोटे कीट-पतंगें कुचले न जाएं।
जहां तक संभव हो, आटा शनिवार को पिसवाएं और गेहूं में सौ- दौ सौ ग्राम काले चने अवश्य मिला लें।
कार्यालय, दुकान आदि खोलने पर सर्वप्रथम अपने इष्ट देव को अवश्य याद किया करें।
दीवाली की रात अथवा किसी भी ग्रहण काल में एक-एक लौंग तथा छोटी इलायची जलाकर भस्म बना लें। इस भस्म से देवी देवताओं के चित्रों अथवा यंत्रों पर तिलक लगाया करें।
ऐसे पेड़ की टहनी, जहां चमगादड़ों का स्थायी वास हो, तोड़ कर अपनी कुर्सी अथवा गद्दी के नीचे रख लें।
शंखपुष्पी की जड़ घर में रखना मंगलकारी है।
Tone totke tantra mantra: जब आप टोने-टोटकों, झाड़-फूंक और यंत्र-मंत्र के क्षेत्र में कदम रखते हैं, तब आपके द्वारा नित्य उपयोगी कुछ बातों को अपनाना और कुछ को छोड़ना एक प्रकार की मजबूरी बन जाता है। इस अध्याय में वर्णित कार्यों को नियमित रूप से एक बार करना प्रारंभ कर दीजिए, फिर तो ये आपकी आदत में ही शामिल हो जाएंगे और इस प्रकार बिना किसी प्रकार के अतिरिक्त प्रयास के ही जीवन के सभी सुख और आनंद अनायास प्राप्त करते रहेंगे।
भगवान की भक्ति और पूजा नियमित रूप से कीजिए। भक्ति में बड़ी शक्ति है। आप टोने-टोटकों और यंत्र-मंत्र के क्षेत्र में जो कुछ भी कर पाते हैं वह सब आपकी भक्ति और ईश्वर की कृपा का ही कमाल होता है।
जब भी मन करे चींटिंयों को चीनी मिश्रित आटा खिलाया करें। यथासंभव यह प्रयास किया करें कि आपके पैरों से चींटियां अथवा अन्य निरीह छोटे-छोटे कीट-पतंगें कुचले न जाएं।
जहां तक संभव हो, आटा शनिवार को पिसवाएं और गेहूं में सौ- दौ सौ ग्राम काले चने अवश्य मिला लें।
सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें नियमित लाल फूल, लाल चंदन, गोरोचन, केसर, जावित्री, जौ अथवा तिल युक्त जल चढ़ाएं।
बड़ों को प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद लिया करें।
कभी कोई ऐसा कर्म न करें जिससे किसी की आत्मा अथवा शरीर को लेशमात्र भी कष्ट पहुंचे।
बड़ों को प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद लिया करें।
कभी कोई ऐसा कर्म न करें जिससे किसी की आत्मा अथवा शरीर को लेशमात्र भी कष्ट पहुंचे।
कार्यालय, दुकान आदि खोलने पर सर्वप्रथम अपने इष्ट देव को अवश्य याद किया करें।
दीवाली की रात अथवा किसी भी ग्रहण काल में एक-एक लौंग तथा छोटी इलायची जलाकर भस्म बना लें। इस भस्म से देवी देवताओं के चित्रों अथवा यंत्रों पर तिलक लगाया करें।
ऐसे पेड़ की टहनी, जहां चमगादड़ों का स्थायी वास हो, तोड़ कर अपनी कुर्सी अथवा गद्दी के नीचे रख लें।
शंखपुष्पी की जड़ घर में रखना मंगलकारी है।