क्या आप भी पहली बार रख रही हैं Karwa chauth का व्रत तो…
punjabkesari.in Wednesday, Oct 12, 2022 - 12:03 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
करवाचौथ व्रत को लेकर हर विवाहित महिला उत्सुक नजर आती है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए पूरा दिन निर्जला व्रत करती हैं। कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जो शादी से पहले से ही इस व्रत को करती हैं परंतु वहीं कुछ ऐसी भी महिलाएं होती हैं जो शादी के बाद पहली बार इस व्रत को करती हैं। जिस कारण उन्हें इससे जुड़ी कई तरह की जानकारी से अवगत नहीं होती। इसलिए इसी को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आप भी पहली बार करवाचौथ का व्रत रख रही हैं तो किन बातों को जानना ज़रूरी है। बता दें धार्मिक दृष्टि से पहला करवा चौथ महिला के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है।
धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो पहली बार व्रत रख रहीं महिलाओं को पूरे 16 श्रृंगार के साथ ही पूजा में बैठना शुभ माना जाता है। शगुन स्वरूप हाथ में मेंहदी भी लगानी चाहिए।
करवा चौथ का व्रत रख रही महिलाओं को इस दिन सुबह जल्दी उठकर अपने बड़ों का आशीर्वाद लेना चाहिए, ऐसा करने से परिवार में सौभाग्य और समृद्धि बनी रहती है। करवा चौथ के दिन सुबह सरगी के साथ दिन की शुरुआत होती है। पहली बार करवा चौथ करने वाली नवविवाहित की सास सरगी के रूप में व्रत से पहले बहू को मिठाइयां,कपड़े और श्रृंगार का सामान देती हैं। इसके बाद वो पूरे दिन का निर्जल उपवास रखती है।
जिन महिलाओं का पहला करवा चौथ है उन्हें शादी का जोड़ा पहनकर करवा चौथ पूजन करना चाहिए। अगर शादी का जोड़ा पहनना संभव ना हो तो लाल साड़ी या लहंगा भी पहन सकते हैं। पहले करवा चौथ पर दुल्हन की तरह तैयार होना चाहिए।
वैसे लाल रंग का जोड़ा पहनना इस दिन शगुन माना जाता है। इसके अलावा आप हरा, मैरून या फिर गुलाबी रंग भी पहन सकती हैं।
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करवा चौथ में जितना महत्व व्रत और पूजा का है, समान महत्व करवा चौथ के व्रत की कथा सुनने का भी उतना महत्व है। इस व्रत में जिस तरह जरूरी व्रत और विधिविधान से पूजा करना चाहिए वैसे ही कथा सुनना भी उतना ही शुभ फलदायी है, इसलिए जो महिलाएं पहली बार इस व्रत को कर रही हैं उन्हें पूजा के साथ ध्यान से कथा सुननी चाहिए।
करवा चौथ की पूजा बहुत सी महिलाएं एक साथ इकट्ठे होकर करती हैं। सभी साथ में व्रत कथा सुनती हैं और पूजा करती हैं। ऐसे में पूजा के समय करवा चौथ के गीत और भजन गाना चाहिए। करवा चौथ पर गीत गान और भजन का भी बहुत महत्व है। ऐसा करने से वातावरण शुद्ध होता है और इस व्रत के पूर्ण फल की प्राप्ति होती है। चूंकि जो महिलाएं पहली बार यह व्रत कर रही होती हैं उन्हें इन सभी रस्मों को करना चाहिए, ताकि आगे भविष्य में वह अच्छे से यह पूजा कर सकें।
जिस तरह सास को अपनी बहू को सरगी देनी चाहिए वैसे ही लड़की के मायके से बाया भी आता है। इसमें लड़की के मायके से कुछ मिठाइयां, तोहफे और मेवे उपहारस्वरूप भेंट किए जाते हैं। बाया पूजा शुरू होने से पूर्व ही बेटी के ससुराल पहुंचा दी जानी चाहिए।
शाम को स्त्रियां पूजा करके चंद्रमा को जल का अर्घ्य देती हैं। फिर चलनी में चांद और पति को देखती हैं और पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं।