Kartik Month Story: हिंदू शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में ये काम करने से दरिद्र बन गया धनवान, पढ़ें कथा
punjabkesari.in Friday, Oct 03, 2025 - 02:50 PM (IST)

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Kartik Month Story and Significance: कार्तिक मास हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। यह मास अक्टूबर–नवंबर में आता है और इसे भगवान विष्णु का प्रिय मास कहा जाता है। शास्त्रों और पुराणों में कार्तिक मास में किए गए व्रत, दान और पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। कार्तिक मास को सात्विक मास भी कहा जाता है। पुराणों के अनुसार इस मास में किए गए धार्मिक कार्य सभी मासों की तुलना में सबसे अधिक फलदायक होते हैं। विष्णु पुराण में लिखा है कि कार्तिक मास में की गई पूजा से मनुष्य के पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भागवत पुराण में वर्णित है कि इस मास में तुलसी पूजन और दान करने से घर में समृद्धि, सुख-शांति और ऐश्वर्य बढ़ता है।
Kartik month story कार्तिक मास कथा
श्रीमद्भागवत पुराण में वर्णित है कि एक निर्धन ब्राह्मण अपने परिवार के साथ बहुत दुखी था। उसने कार्तिक मास में भगवान विष्णु और तुलसी की नियमित पूजा की। उसने प्रत्येक दिन दीपक जलाया, गंगा में स्नान किया। भगवान विष्णु उसकी भक्ति से अत्यंत प्रसन्न हुए और उसे धन, स्वास्थ्य और परिवार में खुशहाली प्रदान की। इस कथा से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कार्तिक मास में साधना, व्रत और दान करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है।
कार्तिक मास की कथा हमें साधना, भक्ति और दान के महत्व को समझाती है। इस मास में तुलसी पूजन, दीपदान, गंगा स्नान और कथा पाठ करने से घर में समृद्धि, सुख-शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह मास भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक है।
Special work in the month of Kartik कार्तिक मास में विशेष कार्य
दीपदान: रात में दीपक जलाने से घर में अज्ञान और अंधकार दूर होता है।
तुलसी पूजन: तुलसी का पूजन करने से परिवार में सुख और समृद्धि आती है।
गंगा स्नान: कार्तिक मास में गंगा स्नान करने से पाप नष्ट होते हैं।
दान और उपहार: गरीबों को भोजन, वस्त्र और धन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
कथा पाठ और भजन: भागवत कथा, विष्णु भजन और कीर्तन में भाग लेने से मन में शांति और भक्ति का भाव उत्पन्न होता है।
Education in the month of Kartik कार्तिक मास की शिक्षा
साधना और भक्ति: इस मास में नियमित पूजा और भजन करने से आत्मा शुद्ध होती है।
दान और सेवा: गरीबों की सेवा और दान से जीवन में सुख-शांति आती है।
परिवार में सौहार्द: पति-पत्नी और परिवार के बीच प्रेम और समझ बढ़ती है।
धन और समृद्धि: घर में ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि बनी रहती है।