इस मंदिर में होते हैं भगवान शिव के गुरु के दर्शन

punjabkesari.in Monday, Aug 24, 2020 - 09:22 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 

Shree Kapaleshwar Mahadev Mandir: नासिक शहर के प्रसिद्ध पंचवटी इलाके में गोदावरी तट के पास कपालेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। भगवान शिव जी ने यहां निवास किया था ऐसा पुराणों में कहा गया है। यह देश में पहला मंदिर है जहां भगवान शिव जी के सामने नंदी नहीं हैं। यही इसकी विशेषता है। यहां नंदी के अभाव की कहानी बड़ी रोचक है। एक दिन भरी इंद्र सभा में ब्रह्मदेव और शंकर में विवाद उत्पन्न हो गया। उस वक्त ब्रह्मदेव के पांच मुख थे। चार मुख वेदोच्चारण करते थे और पांचवां निंदा करता था। उस निंदा से संतप्त शिव जी ने उस मुख को काट डाला। वह मुख उन्हें चिपक कर बैठ गया। इस घटना के कारण शिव जी को ब्रह्महत्या का पाप लग गया। उस पाप से मुक्ती पाने के लिए शिव जी ब्रह्मांड में घुम रहे थे लेकिन उन्हें मुक्ती का उपाय नहीं मिल रहा था।

PunjabKesari Shree Kapaleshwar Mahadev Mandir

एक दिन वह सोमेश्वर में बैठे थे तब उनके सामने ही एक गाय और उसका बछड़ा एक ब्राह्मण के घर के सामने खड़े थे। वह ब्राह्मण बछड़े के नाक में रस्सी डालने वाला था। बछड़ा उसके विरोध में था। ब्राह्मण की कृती के विरोध में बछड़ा उसे मारना चाहता था। उस वक्त गाय ने उसे कहा कि," ऐसा मत करो, तुम्हें ब्रह्महत्या का पातक लग जाएगा।"

PunjabKesari kapaleeshwara temple

 बछड़े ने उत्तर दिया, "ब्रह्महत्या के पातक से मुक्ती का उपाय मुझे मालूम है।"

PunjabKesari kapaleeshwara temple

यह संवाद सुन रहे शिव जी के मन में उत्सुकता जागृत हुई। बछड़े ने नाक में रस्सी डालने के लिए आए ब्राह्मण को अपने सिंग से मारा। ब्राह्मण मर गया। ब्रह्महत्या से बछड़े का अंग काला पड़ गया। उसके बाद बछड़ा निकल पड़ा। शिव जी भी उसके पीछे-पीछे चलते गए। बछड़ा गोदावरी नदी के राम कुंड में गया। उस ने वहां स्नान किया। उस स्नान से ब्रह्म हत्या के पातक का क्षालन हो गया। बछड़े को अपना सफेद रंग पुनः मिल गया।

PunjabKesari kapaleeshwara temple

बछड़े के स्नान करने के बाद भगवान शिव ने भी राम कुंड में स्नान किया। उन्हें भी ब्रह्म हत्या के पातक से मुक्ती मिली। इसी गोदावरी नदी के पास एक टेकरी थी। शिव जी वहां चले गए। उन्हे वहां जाते देख गाय का बछड़ा (नंदी) भी वहां आया। नंदी के कारण ही शिव जी की ब्रह्म हत्या से मुक्ती हुई थी इसलिए उन्होंने नंदी को गुरु माना और अपने सामने बैठने को मना किया। इसी कारण इस मंदिर में नंदी नहीं है। ऐसा कहा जाता है की यह नंदी गोदावरी के रामकुंड में ही स्थित है। इस मंदिर का बड़ा महत्त्व है। बारह ज्योतिर्लिंगों के उपरांत इस मंदिर का महत्त्व है, ऐसे माना जाता है।

PunjabKesari kapaleeshwara temple

पुरातन काल में इस टेकरी पर शिव जी की पिंडी थी लेकिन अब वहां एक विशाल मंदिर है। पेशवाओं के कार्यकाल में इस मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ। मंदिर की सीढ़ियां उतरते ही सामने गोदावरी नदी बहती नजर आती है। उसी में प्रसिद्ध राम कुंड है। भगवान राम ने इसी कुंड में अपने पिता राजा दशरथ का श्राद्ध किया था। इसके अतिरिक्त इस परिसर में काफी मंदिर हैं।

PunjabKesari kapaleeshwara temple

कपालेश्वर मंदिर के ठीक सामने गोदावरी नदी के पार प्राचीन सुंदर नारायण मंदिर है। साल में एक बार हरिहर महोत्सव होता है। उस वक्त कपालेश्वर और सुंदर नारायण दोनों भगवानों के मुखौटे गोदावरी नदी पर लाए जाते हैं, वहां उन्हें एक-दूसरे से मिलाया जाता है और अभिषेक किया जाता है। इसके अतिरिक्त महाशिवरात्री को कपालेश्वर मंदिर में बड़ा उत्सव होता है। सावन के सोमवार को यहां काफी भीड़ रहती है।

PunjabKesari kapaleeshwara temple


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News