Kapal Mochan Mela : कपाल मोचन तीर्थ पर स्नान के लिए जाने वाले पढ़ें ये जरुरी Information
punjabkesari.in Saturday, Nov 25, 2023 - 03:43 PM (IST)

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Kapal Mochan Mela : कपाल मोचन तीर्थ स्थान पर स्थापित तीनों सरोवरों में स्नान करने का विशेष महत्व है। यहां स्नान करने से क्या प्रभाव होगा ? किस दिन और किस मुहूर्त में और किस विधि से स्नान करना चाहिए ? विधिवत स्नान करने की विधि क्या है और उससे क्या प्रभाव होगा ? आईए जानें
वैसे तो कपाल मोचन मेला 15 दिन तक चलता है और समापन कार्तिक पूर्णिमा के दिन होता है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 26 नवंबर 2023 के दिन रविवार को होगी। पूर्णिमा तिथि का आरम्भ 26 नवंबर 2023 को सायंकाल 3 बजकर 55 मिनट पर होगा और समापन 27 नवंबर 2023 को दोपहर 2 बजकर 47 मिनट पर होगा। यह स्नान पूर्णिमा की रात्रि का होने के कारण 26 नवंबर 2023 को ही मनाया जाएगा।
इस विशेष स्नान में उपयोग की जाने वाली सामग्री इस प्रकार है - सरसों के तेल में भीगी हुई 365 रूई की बतियां, चने की दाल 250 ग्राम, हरे आंवले 250 ग्राम, 2 वस्त्र, आधा सूखा खोपा, 1 गोल जोत, थोड़ा सा देसी घी, एक लाल छोटी चुनरी, इच्छानुसार दक्षिणा, दूध, तीन फल व कुछ सिक्के के रूप में दक्षिणा।
Auspicious time to take bath स्नान करने का शुभ मुहूर्त - जिस समय चंद्रमा आकाश में नजर आये और उसकी किरणे कपालमोचन सरोवर में पड़ रही हों, इस स्नान को करने का यह सबसे उपयुक्त समय है।
Method of bathing स्नान करने की विधि- सबसे पहला स्नान कपालमोचन सरोवर में किया जाता है। जब चंद्रमा की किरणे कपाल मोचन सरोवर पर पड़ रही हो तो सबसे पहले दूध, फल व सिक्के के रूप में दक्षिणा हाथ में लेकर सरोवर के समक्ष स्नान करने की आज्ञा प्राप्त करनी चाहिए। तत्पश्चात दूध सरोवर में अर्पण करें, फिर फल अर्पण करें तत्पश्चात दक्षिणा अर्पण करें। इसके पश्चात सरोवर में स्नान करें। स्नान करने के पश्चात सरसों के तेल में भीगी 365 रूई की बतियों को जलायें। 365 रूई की बतियां का सामूहिक जलाया जाना पूर्ण वर्ष जोत जलाने के भाव को दर्शाता है तथा पूर्ण वर्ष तीर्थ पर जोत जलाने का प्रभाव एक ही दिन में प्रदान करने की सामर्थ्य रखता है।
इसके पश्चात वहां पर स्थित तुलसी माता को चुनरी ओढ़ाकर आधे सूखे नारियल में गोल जोत को देसी घी में डालकर जलायें व तुलसी माता के समक्ष सभी प्रकार के सूखों की कामना करें। तत्पश्चात वहां पर स्थित गउ बछड़ा मंदिर में आंवला, चने की दाल, 2 वस्त्र एवं यथाशक्ति दक्षिणा अर्पण करें व गऊ माता के कान में मनोकामना कहें ताकि वह शीध्रातीशीध्र पूर्ण हो सके। कपालमोचन सरोवर में स्नान करने से सभी प्रकार के बुरे कर्माे के प्रभाव का नाश होता है व हमारे मस्तिष्क पर जो भार होता है, वह भी कम होता है तथा पुण्य की बढ़ोतरी होती है।
Second bath दूसरा स्नान: कपालमोचन सरोवर के पश्चात दूसरा स्नान ऋणमोचन सरोवर का होता है। इसमें स्नान करने से सभी प्रकार के ऋणों का प्रभाव कम होता है एवं व्यक्ति पूर्ण रूप से ऋण मुक्त होता है। वह ऋण चाहे रूपयों का हो या फिर, मित्र ऋण, गुरू ऋण, माता- पिता ऋण, इत्यादि सभी प्रकार के ऋण। इसमें भी स्नान करने से पहले दूध, फल, दक्षिणा संहित सरोवर राज से स्नान की आज्ञा लेने के पश्चात दूध, फल, दक्षिणा अर्पण करने के पश्चात स्नान करना चाहिए।
Third bath तीसरा स्नान: ऋणमोचन सरोवर के पश्चात सूरजकुंड सरोवर का तीसरा स्नान होता है। यहां पर भी दूध, फल, दक्षिणा हाथ में लेकर सरोवर राज से स्नान की आज्ञा लेकर दूध, फल, दक्षिणा सरोवर में अर्पण कर स्नान करना चाहिए। इस सरोवर में स्नान करने से ऐसे पापों का नाश होता है जिस कारण रोग इत्यादि हो जाते हैं अर्थात सूरजकुंड सरोवर में स्नान करने से उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इन तीनों सरोवर में स्नान के पश्चात सूरजकुंड सरोवर के पास ही साधु महात्मा विराजित होते हैं, उन्हें यथाशक्ति गरम वस्त्र, चप्पल, जूते, गरम जुराबें, जरूरत का सामान, यथाशक्ति दक्षिणा दान इत्यादि देना चाहिए एवं उनके आर्शीवाद प्राप्त करने चाहिए। यह सभी कर्म पूर्णता करने के बाद आपका यह स्नान पूर्ण हो जाता है। यह कार्तिक स्नान कम से कम भी 3 साल लगातार करने चाहिए। जिसके प्रभाव से व्यक्ति धीरे-धीरे कर्ज मुक्त होता चला जाता है।
Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)