Kanya Pujan Guidelines in Navratri: कन्या पूजा के दिन रखें इन बातों का ध्यान, नवदुर्गा खुद चलकर आएंगी आपके द्वार
punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 06:35 PM (IST)

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Kanya Pujan Guidelines in Navratri: कन्या पूजन केवल एक धार्मिक परंपरा ही नहीं, बल्कि नारी शक्ति के सम्मान का प्रतीक है। यदि इसे पूरे श्रद्धा, नियम और पवित्रता से किया जाए तो घर-परिवार पर मां दुर्गा की असीम कृपा बनी रहती है। नवरात्रि के अष्टमी या नवमी तिथि पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को देवी के रूप में पूजकर भोजन कराया जाता है। मान्यता है कि इससे मां दुर्गा की कृपा के साथ-साथ घर में सुख-समृद्धि और मनोकामना पूर्ति होती है।
Best Time for Kanya Puja कन्या पूजा का सही समय : कन्या पूजा अष्टमी और नवमी तिथि पर किया जाता है। प्रातःकाल से दोपहर तक का समय शुभ माना जाता है। पूजा से पहले कन्याओं को आमंत्रित करना और उनकी सेवा करना अनिवार्य है।
Age Group for Kanya Pujan कन्याओं की आयु सीमा
2 वर्ष से 10 वर्ष तक की कन्याएं पूजन के योग्य मानी जाती हैं। कभी-कभी 11वीं कन्या के रूप में एक छोटे बालक (लंगूर) को भी पूजते हैं।
Food in Kanya Puja कन्या पूजन का भोग
कन्याओं को हलवा, पूड़ी और चने का भोग खिलाना शुभ माना जाता है। मीठा और सात्विक भोजन ही परोसा जाए। भोजन के बाद कन्याओं को दक्षिणा, चुनरी, बिंदी या छोटी-सी भेंट अवश्य दें।
Do’s & Don’ts in Kanya Pujan कन्या पूजन में किन बातों का ध्यान रखें
कन्याओं को आमंत्रित करने से पहले घर की साफ-सफाई करें।
पूजा स्थल पर मां दुर्गा और कन्याओं को एक साथ बैठाकर आरती करें।
कन्याओं को भोजन कराते समय आदर और प्रेम से सेवा करें।
भोजन आधा-अधूरा न परोसें, थाली पूरी तरह से भरकर दें।
पूजा के बाद कन्याओं को खाली हाथ न जाने दें, उन्हें दक्षिणा या उपहार अवश्य दें।
मांसाहार, शराब और अशुद्ध वस्तुएं इस दिन घर में न रखें।
Benefits of Kanya Pujan कन्या पूजन से मिलने वाले लाभ
माता दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
घर में सुख-समृद्धि और धन-वैभव की वृद्धि होती है।
संतान सुख और परिवार की रक्षा होती है।
सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।