क्या आपको भी घेरे हुए हैं अनगिनत रोग तो यहां जानें अपने हर रोग का मर्ज़

punjabkesari.in Tuesday, Oct 15, 2019 - 04:40 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
बीमारी ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनते ही हर कोई परेशान हो जाता है। अब हो भी क्यों न बीमारी है ही ऐसी जिससे हर कोई दूर रहना चाहता है। हर किसी की यही इच्छा होती है कि वो जितनी भी जिंदगी जीए स्वस्थ ही जीए। इसके लिए व्यक्ति बहुत कुछ करती भी है। कुछ अपने खाने-पीने का ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखते हैं तो वहीं कुछ ऐसे कई टोटके उपाय करते हैं जिससे उनकी सेहत हमेशा स्वस्थ रहे। तो आज आपके लिए कुछ ऐसे ही उपाय लेकर आए हैं जिन्हें अपनाने से आप रोगों व हर तरह की बीमारी से बच सकते हैं। बता दें ये उपाय तंत्र शास्त्र में दिए गए इन्हें करते समय हर किसी को सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है।
PunjabKesari, Disease, बीमारी
जानिए तंत्र में दिए गए रोग निवारण के कुछ उपयोगी उपाय-
शनिवार के दिन काले घोड़े की नाल लाकर छल्ला बनवाएं। इस छल्ले को नीचे की उंगली में पहनने से पथरी रोग शांत हो जाता है।

नींद  न  आने  की  बीमारी  में बिस्तर पर लेटने के पश्चात शरीर एकदम ढीला छोड़ दें और धीरे-धीरे 10 तक गिनती गिने। उसके सांस रोकर “कुंभ कर्णाय नम:” बोलें और सांस छोड़ दें। इस प्रकार 108 बार करें। प्रारंभ में थोड़ी बेचैनी तो अवश्य होगी पर नींद आ जाएगी।

गायत्री मंत्र की एक माला कभी भी ग्रहण में जपकर सिद्ध कर लें। उसके पश्चात जब भी कोई दांत पीड़ा वाला रोगी आए उससे एक कील 3 इंच की मंगवा लें। नीम के पेड़ के पास ले जाएं जिस दांत में दर्द है उसे पकड़कर कील नीम में गायत्री मंत्र पढ़ते हुए ठोक दें।

फील पांव रोग में आक (मदार) का पौधा उत्तर दिशा की ओर से तोड़ कर रविवार के दिन लाएं। उसकी जड़ को लाल धागे के सहारे, जहां यह रोग है वहां बांध दें। जब यह रोग ठीक हो जाए तो उस जड़ को कहीं गहरा गाड़ आएं।
PunjabKesari, मदार का पौधा
शनिवार के दिन धतूरे की जड़ कमर में बांधने से बवासीर रोग दूर होता है।

रीठे के फल को धागे में गूंथकर बच्चे के गले में बांध देने से उसे नजर नहीं लगती तथा हिचकी का रोग भी दूर हो जाता है।

कपूर की टिकियों की माला पहनाने से बालक के दांत आसानी से निकल आते हैं।

घर  में  दूध  पिलाने  वाली मां या धाय के कपड़े में से एक टुकड़ा फाड़कर पानी में भिगोकर बालक के सिर पर रख देने से उसकी हिचकी दूर हो जाती है।

बच्चों के हाथ-पांव में लोहे अथवा तांबे का कड़ा पहना देने से उसके दांत आसानी से निकल आते हैं और नजर भी नहीं लगती।

अगर किसी बालक को नज़र लग जाए तो लाल मिर्च लेकर बालक के सिर पर से तीन बार उतारें और उन्हें जलते हुए अंगारों में झोंक दें।

नीलकंठ का पंख मंगलवार या शनिवार को लाकर बच्चा जिस खाट पर सोता है उसमें खोंस देने से बालक का रोना तुरंत बंद हो जाता है।
PunjabKesari, नीलकंठ, Neelkanth
जंगली सूअर के नख को अंगूठी की भांति बनवाकर मंगलवार को दाएं हाथ की कनिष्ठा उंगली में पहनने से मिर्गी का दौरा आना जल्दी रुक जाता है।

छोटे बालक के गिरे हुए दूध के दांत को तावीज़ में मढ़वाकर पास रखने से दांत का दर्द दूर हो जाता है। यह प्रयोग सोमवार के दिन करें।

जिन व्यक्तियों के पसली या कमर में दर्द रहता हो वह सायंकाल में डूबते सूरज की ओर मुख करके वहां  दर्द  हो,  कमर या छाती पर उस भाग को खोलकर नीम की टहनी को 21 बार स्पर्श कराएं और स्वयं निम्न मंत्र “भैरवाय नम” बोलते रहें। फिर टहनी को कुएं या तालाब में फैंक दें।

रविवार की सायं मारू बैंगन ले लें। रात को मारू बैंगन काले तिल, साबुत काली उड़द और काला कपड़ा यह सब वस्तुएं सिरहाने रख कर सो जाएं और सोमवार की सुबह इन्हें किसी नदी में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से चेहरे के मस्से दूर हो जाएंगे।
PunjabKesari, Brinjal, बैंगन
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Recommended News

Related News