हिमाचल के इस खूबसूरत मंदिर में कभी किया शिव जी ने निवास, जानें इसकी खासियत

punjabkesari.in Tuesday, Apr 20, 2021 - 05:15 PM (IST)

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हमारे भारत देश में अनेकों मंदिर व धार्मिक स्थल है। कुछ रहस्यमयी हैं तो कुुछ चमत्कारी कहलाते हैं। ये तमाम मंदिर अपनी किसी न किसी विशेषता आदि के लिए जाने जाते हैं। इन्हीं में से एक के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जो देवों के देव महादेव को समर्पित है। जो अपने रहस्य के लिए जाना जाता है। जी हां, इस मंदिर के रहस्य को न तो आज तक कोई सुलझा पाया है न ही इसे कोई गलत साबित कर पाया। दरअसल हम बात कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित जटोली शिव मंदिर की, जिसे एशिया के सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है। बताया जाता है कि दक्षिण-द्रविड़ शैली में बने इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 111 फुट है। इस मंदिर को देेखने पर इसके निर्माम कला के बेजोड़ नमूने को अंदाजा लगाया जा सकता है।कहा ये भी जाता है कि मंदिर में मौजूद पत्थरों में से डमरू जैसी आवाज़ आती है। जिसे लेकर मान्यता है कि ये पत्थर मंदिर भगवान शिव की मौजूदगी का आभाास करवाते हैं। लोगों को यह भी मानना है कि चूंकि इस मंदिर में भगवान शंकर निवास करते हैं, इसलिए यहां व्यक्ति जो भी कामना लेकर आता है, वो निश्चित ही पूरी होती है। 

मंदिर से संबंधित कथाओं की बात करें प्राचीन समय में एक समय में भगवान शिव यहां आए थे और कुछ वक्त यही रहे थे। जिस कारण इसे एक पावन स्थल माना जाता है। यहां के निवासियों द्वारा बताया जाता है कि 1950 के दशक में स्वामी कृष्णानंद परमहंस नाम के एक बाबा यहां आए, जिनके मार्ग दर्शन तथा निर्देश पर जटोली शिव नामक मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ हुआ था। 1974 में इस अद्भुत व सुंदर मंदिर नींव रखी गई थी। किंवदंतियों के अनुसार 1983 मेंस्वामी कृष्णानंद परमहंस बाबा ने समाधि ली थी, परंतु मंदिर का कार्य रूका नहीं, इसका कार्य प्रबंधन के कंधों पर चला गया।  

दान के पैसों से हुआ निर्माण
बताया जाता है इस मंदिर का पूरी तरह तैयार होने में लगभग 39 वर्ष लगे थे। इस मंदिर से जुड़ी सबसे खास बात ये है कि करोड़ों रुपए की लागत से तैयार हुआ ये मंदिर श्रद्धालुओं के दान किए गए पैसों से बना है। जिस कारण इससे बनने में 3 दशक से भी ज्यादा का समय लगा। बता दें जटोली शिव मंदिर में सनातन धर्म के विभिन्न देवी देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित है। जिसमें सबसे अधिक महत्व मंदिर में स्थापित स्फटिक मणि शिवलिंग की है। हालांकि इसके अलावा मंदिर में भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्ति भी स्थापित है। मंदिर के ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचा एक विशाल सोने का कलश स्थापित है, जो इसकी खूबसूरत छटा में चार चांद लगाता है।


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Content Writer

Jyoti

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