Janaki Jayanti 2025: जानकी जयंती के दिन पढ़ें ये चौपाइयां, जीवन में सुख-सौभाग्य की होगी बरसात
punjabkesari.in Wednesday, Feb 19, 2025 - 09:12 AM (IST)
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Janaki Jayanti 2025: जानकी जयंती का दिन हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। यह दिन भगवान राम की पत्नी मां सीता की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से श्रीराम के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि सीता जी न केवल भगवान राम की पत्नी हैं, बल्कि उनका व्यक्तित्व आदर्श, साहस, श्रद्धा और त्याग का प्रतीक है। जानकी जयंती के दिन सीता माता की पूजा और आराधना का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है और यह दिन भक्तों के लिए विशेष आशीर्वाद लेकर आता है। जानकी जयंती के अवसर पर कुछ चौपाइयां पढ़ना बहुत शुभ माना जाता है। यह चौपाइयां न केवल श्रद्धा को बढ़ाती हैं बल्कि भक्तों की मनोकामनाओं को भी पूर्ण करती हैं।
इन चौपाइयों का करें पाठ
जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करहिं सब कोई।
जिनके कपट, दंभ नहिं माया, तिनके हृदय बसहु रघुराया।
राम भगति मनि उर बस जाकें। दु:ख लवलेस न सपनेहुं ताकें॥
चतुर सिरोमनि तेइ जग माहीं। जे मनि लागि सुजतन कराहीं॥
अगुण सगुण गुण मंदिर सुंदर, भ्रम तम प्रबल प्रताप दिवाकर ।
काम क्रोध मद गज पंचानन, बसहु निरंतर जन मन कानन।।
कहु तात अस मोर प्रनामा। सब प्रकार प्रभु पूरनकामा ॥
दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी॥
यदि आपको लग रहा है बहुत उपाय करने के बाद भी आप मुश्किलों से दूर नहीं जा पा रहे थे तो ये चौपाइयां आपके जीवन में खुशियों के रंग भर सकती हैं। अपनी मनोकामना को याद कर के इन चौपाइयों का पाठ करना चाहिए।
जानकी जयंती का महत्व
जानकी जयंती को माता सीता के प्राकट्य उत्सव के रूप में मनाया जाता है। मां सीता को लक्ष्मी माता का रूप माना जाता है। यदि आप जानकी जयंती के दिन इन की पूजा करते हैं तो जीवन में धन से जुड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। यह दिन हमें सीता माता के जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करता है। सीता माता का जीवन हमें सिखाता है कि कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना कैसे किया जाता है और कैसे हम अपने उद्देश्य के प्रति दृढ़ निष्ठा बनाए रख सकते हैं।
जानकी जयंती पर पूजा
जानकी जयंती के दिन विशेष रूप से सीता माता की पूजा की जाती है। इस दिन भक्त जन उनके जन्म के अवसर पर उपवास रखते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। जानकी जयंती के अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन होता है। भक्त सीता माता के पवित्र और दिव्य जीवन का स्मरण करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दिन विशेष रूप से सीता स्तुति और रामायण के श्लोकों का पाठ किया जाता है। खासकर, रामायण के उन अंशों का पाठ किया जाता है, जो सीता माता के गुणों और उनकी शक्ति को दर्शाते हैं। भक्त जन उनका ध्यान करते हुए अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति की कामना करते हैं।