जानें, साल 2025 की आखिरी विनायक चतुर्थी की सही तारीख और बप्पा की पूजा का सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त
punjabkesari.in Saturday, Dec 20, 2025 - 11:05 AM (IST)
Vinayaka Chaturthi December 2025 Date : जैसे-जैसे साल 2025 विदा लेने की ओर बढ़ रहा है, आध्यात्मिक जगत में भगवान गणेश के भक्त वर्ष की अंतिम विनायक चतुर्थी का स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं। हिंदू धर्म में हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है, जो बुद्धि, समृद्धि और नई शुरुआत के देवता गणपति को समर्पित है। दिसंबर के इस पावन अवसर पर भक्तों के पास साल भर की बाधाओं को दूर करने और नए साल के लिए सुख-शांति का आशीर्वाद पाने का यह अंतिम मौका होगा। इस बार यह तिथि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके साथ कई ज्योतिषीय संयोग, भद्रा की स्थिति और शुभ मुहूर्त की बारीकियां जुड़ी हुई हैं। तो आइए जानते हैं साल की अंतिम विनायक चतुर्थी के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में-

दिसंबर विनायक चतुर्थी की तारीख
पंचांग के मुताबिक, वर्ष की आख़िरी विनायक चतुर्थी पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाई जाएगी। यह तिथि 23 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी और 24 दिसंबर को दोपहर 1 बजकर 11 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि को मानते हुए, दिसंबर महीने की विनायक चतुर्थी का व्रत 24 दिसंबर, बुधवार के दिन रखा जाएगा।

विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त
इस दिन गणपति बप्पा की पूजा के लिए सुबह 11 बजकर 19 मिनट से दोपहर 01 बजकर 11 मिनट तक का समय निर्धारित है। इस बीच आप अपनी सुविधानुसार पूजन संपन्न कर सकते हैं।
अति शुभ मुहूर्त: यदि आप सबसे श्रेष्ठ समय की तलाश में हैं, तो सुबह 11 बजकर 03 मिनट से दोपहर 12 बजकर 21 मिनट के बीच पूजा करना अत्यंत फलदायी और उत्तम माना गया है।
ब्रह्म मुहूर्त: जो भक्त भोर में साधना या संकल्प लेना चाहते हैं, उनके लिए सुबह 05 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 16 मिनट तक का समय बहुत शुभ है।

विनायक चतुर्थी का महत्व
हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का व्रत केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि जीवन से विघ्नों को मिटाकर खुशहाली लाने का एक महापर्व है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ उपवास रखते हैं और गणेश जी की वंदना करते हैं, उनके अटके हुए सभी कार्य बिना किसी बाधा के सिद्ध हो जाते हैं। बप्पा की कृपा से जीवन में सकारात्मकता और शुभता का आगमन होता है। साथ ही भगवान गणेश अपने भक्तों के हर मानसिक और शारीरिक कष्ट को हर लेते हैं।

