भारतीय अस्मिता व गौरव का प्रतीक बना विक्रमी संवत विश्व का अनुकरणीय काल: सुधीर मुनि

punjabkesari.in Thursday, Mar 23, 2023 - 10:20 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

करनाल (स.ह.): एस.एस. जैन संघ (रजि.) 48/4 के तत्वावधान में तथा युगपुरुष उप-प्रवर्तक श्री सुभाष मुनि जी म. के मंगल सान्निध्य में भारतीय नववर्ष विक्रमी सम्वत, उल्लास के क्षणों में मनाया गया। इस अवसर पर प्रवचन दिवाकर श्री सुधीर मुनि जी म. ने कहा, ‘‘विक्रमी संवत हमारी भारतीय अस्मिता व गौरव का प्रतीक है।’’ 

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

ईस्वी सन् से 57 वर्ष पूर्व सत्य व न्याय के पर्याय महाराजा विक्रमादित्य के राज्याभिषेक पर तत्कालीन जनमानस ने अपने आराध्य, आत्मीय, जन वल्लभ राजा के नाम पर संवत चलाकर अपने समर्पण का इजहार किया जो आगे चलकर पाश्चात्य जगत के लिए अनुकरणीय बना। अंग्रेजों ने ईसामसीह के नाम पर ईस्वी सन् चलाकर भारतीयों का अनुकरण किया। अपनी संस्कृति पर सदैव गर्व करो।’’

साध्वी का. अर्चना जी म. ने कहा, ‘‘महाराजा विक्रमादित्य ने अपने बाहुबल से शकों, हुणों व विदेशी आततायियों को भगाकर अखंड भारत का सपना साकार किया। मर्यादा पुरुषोत्तम राम व कर्मयोगी श्री कृष्ण के पाश्चात भारत की जनता ने इन्हें सम्मान व आदर दिया। 

PunjabKesari kundli


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News