Jai Guru Dev Mandir: कान्हा की नगरी में ऐसा मंदिर जिसके निर्माण में मजदूरी पर नहीं लगा एक भी पैसा

punjabkesari.in Tuesday, May 23, 2023 - 09:55 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

मथुरा (वार्ता): प्रेम रस से सराबोर कान्हा की नगरी मथुरा में अपने अन्दर रहस्य समेटे एक ऐसा अनूठा मन्दिर है जिसके निर्माण में मजदूरी और मशीनरी का एक भी पैसा नहीं लगा है। जयगुरुदेव मंदिर के नाम से मशहूर इस पूजा स्थल के निर्माण में करीब 27 साल लगे लेकिन मजदूरी और मशीनरी पर एक भी पैसा नहीं खर्च हुआ। बाबा जयगुरुदेव के एक बार कहने पर गुरु की आज्ञा मानकर उनके अनुयायियों ने इसका निर्माण किया। बाबा के अनुयायी नौकरीपेशा, व्यापारी अथवा किसान थे इसलिए वे अपने व्यवसाय से समय निकाल कर हर साल मंदिर निर्माण में कुछ न कुछ शारीरिक योगदान देते रहे हैं।

PunjabKesari Jai Guru Dev Mandir

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

बाबा के शिष्यों की संख्या लाखों में थी इसलिए मंदिर के निर्माण में मशीनरी के प्रयोग पर भी कोई खर्च नहीं हुआ क्योंकि ये मशीनरी बाबा के शिष्यों ने ही उपलब्ध कराई थी। बाबा जयगुरुदेव आश्रम के राष्ट्रीय उपदेशक बाबूराम ने यूनीवार्ता को बताया कि मंदिर की आधारशिला पांच दिसंबर 1973 को रखी गई थी और 25 दिसम्बर 2001 को मंदिर बनकर तैयार हुआ। उसी दिन से मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिये गए। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता गुरूभक्ति का अनूठा नमूना है। इसमें किसी प्रकार की मूर्ति नही है केवल बाबा जयगुरूदेव के गुरू घूरेलाल का एक बड़ा चित्र है। बाबा समाज को संस्कारित बनाना चाहते थे। उनका कहना था कि जो व्यक्ति गुरु भक्ति से ओतप्रोत होगा वह संस्कारित बनेगा और एक प्रकार से संस्कारित समाज का निर्माण होगा। इस मन्दिर के निर्माण में 85 प्रतिशत गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का पैसा लगा है।  

PunjabKesari Jai Guru Dev Mandir

उन्होंने बताया कि इस मन्दिर की शिल्पकला सर्व धर्म समभाव का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करती है। यह नाम से मन्दिर है लेकिन गुम्बद से गुरूद्वारा, मीनारों से मस्जिद एवं प्रार्थना हाल से गिरजाघर है। उनका कहना था कि बाबा एक प्रकार से बहुत बड़े समाज सुधारक थे। हर वर्ष दिसंबर में होने वाले वार्षिक मेले में वे दर्जनों दहेज रहित विवाह कराते थे और होली के अवसर पर लगने वाले मेले में दर्जनों लोगों के मतभेद दूर कर के उन्हें गले मिलाते थे। वे रुपयों को हाथ नहीं लगाते थे इसलिए उनके अनुयायियों में सामान्य जन से लेकर विदेशी लोग भी उनसे बहुत अधिक प्रभावित थे।  

PunjabKesari Jai Guru Dev Mandir

उनके प्रवचन में 40 से पचास हजार तक लोग बैठते थे। उनके इन्ही गुणों के कारण पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी, उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रोमेश भंडारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजनारायण, केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह समेत दर्जनों नेता और समाज सेवी बाबा का प्रवचन सुनने के लिए बाबा जयगुरूदेव साधना स्थली में आये थे। बाबा बड़े दूरदृष्टा थे इसीलिए उन्होंने अपने जीवनकाल में ही अपने भक्त और शिष्य पंकज महराज को आश्रम की बागडोर संभालने के लिए तैयार किया था। जो बाबा के गोलोकवासी होने के बाद इस साधनास्थली की बागडोर बखूबी संभाले हुए हैं। बाबा जयगुरुदेव की पुण्यतिथि पर आयोजित सत्संग मेले में आज बाबा के हजारों अनुयायी मंदिर में अपनी भावांजलि व्यक्त कर रहे हैं।

PunjabKesari kundli


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News