Inspirational Story: क्यों नहीं करना चाहिए सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास ? कहानी में छिपा बड़ा संदेश
punjabkesari.in Wednesday, Nov 26, 2025 - 12:43 PM (IST)
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Inspirational Story: एक राज्य में एक बहुत विद्वान व्यक्ति रहता था। एक बार वहां के राजा से किसी ने विद्वान की प्रशंसा की तो उन्होंने उसका सत्कार करने की सोची। राजा ने दूत भेजकर विद्वान को बुलाया और उसे स्वर्ण मुद्राओं से भरी एक थैली देकर कहा कि हमें कुछ ही दिन पहले पता चला कि हमारे राज्य में आपके जैसा विद्वान व्यक्ति रहता है। हम आपका स्वागत करना चाहते हैं। इसलिए हमारी ओर से यह तुच्छ-सी भेंट स्वीकार करें।

विद्वान ने विनयपूर्वक राजा की भेंट लौटा दी और बोला कि क्षमा करें महाराज, मैं आपका पुरस्कार स्वीकार नहीं कर सकता क्योंकि यह सुनी-सुनाई बातों पर आधारित है। आपने स्वयं मेरी विद्वता का अनुभव नहीं किया है, सिर्फ किसी ने कहा कि मैं बहुत विद्वान हूं और आपने मान लिया।
विद्वान ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि कल कोई आकर आपसे कहे कि मैं बहुत दुष्ट हूं तो आप बिना कोई कारण जाने मुझे दंडित भी कर सकते हैं। राजा को अपनी भूल समझ में आ गई और उसने विद्वान से क्षमा मांगते हुए राज्य की ओर से आयोजित होने वाले शास्त्रार्थ के अगले सत्र में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। तय समय पर उस विद्वान ने सत्र में जब बोलना शुरू किया तो राजा आश्चर्यचकित रह गया। राजा उसके गुणों से बहुत अधिक प्रभावित हुआ और वापस जाते समय विद्वान को द्वार तक छोड़ने गया।

प्रसंग का सार यह है कि कुशल शासक को सुनी-सुनाई बातों के आधार पर निर्णय नहीं लेने चाहिए।
