Inspirational Story: गुरु दक्षिणा की परिभाषा बदल देगी यह एक कहानी
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 02:24 PM (IST)

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Inspirational Story: दुनिया हमें यही सिखाती है कि जो हमें मिला है, उसे लौटाना चाहिए लेकिन जब हम एक गुरु के सामने खड़े होते हैं तो यह गणित ही टूट जाता है।
गुरु ने मुझे क्या दिया ? वास्तव में कुछ नहीं। गुरु का देने का मूल्य इस बात में है कि उन्होंने मुझसे क्या छीन लिया- मेरी अज्ञानता, मेरा दुख मेरा भय। उन्होंने वह सब हटा दिया। गुरु ने जो मुझे दिया वह मैं स्वयं था, मेरा स्वरूप जो सदा मेरे भीतर ही था।
अब प्रश्न यह है मैं बदले में क्या दूं ? सच्ची गुरु दक्षिणा यही है कि जो कुछ मैंने उनसे पाया, उसे उसी भावना और करुणा के साथ दूसरों तक पहुंचाऊं। जैसे एक दीपक दूसरे दीप को जलाता है-पहले दीपक की ज्योति कम नहीं होती लेकिन पूरी दुनिया में उजाला फैल जाता है।
गुरु दक्षिणा कोई भौतिक वस्तु नहीं, यह एक प्रवाह है, एक धारा है। एक करुणा की नदी, जो हमारे माध्यम से बहती है। यह न तो हमसे शुरू होती है और न ही हम पर समाप्त होती है इसलिए केवल गुरु दक्षिणा देने की कोशिश न करें, स्वयं गुरु दक्षिणा बन जाएं।
आपका पूरा जीवन कृतज्ञता की एक परिपूर्ण अभिव्यक्ति बन जाए। हर श्वास, हर कदम, हर मुस्कान इस उपहार का उत्सव हो जो आपने गुरु से पाया। जो प्रकाश आपने उनसे पाया उसे ही दुनिया के लिए दीपक बना दें- बस यही एकमात्र गुरु दक्षिणा पर्याप्त है। न कुछ और चाहिए, न कुछ और संभव है।