Inspirational Story: भगवान के दरबार में जवाब कौन देगा ? इस छोटी कहानी से मिलेगी बड़ी सीख

punjabkesari.in Thursday, Jul 31, 2025 - 07:39 AM (IST)

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Inspirational Story: शाह अशरम अली बड़े विद्वान संत थे। वह गरीबों, असहायों और पीड़ितों की सहायता के लिए बिना किसी भेदभाव के हमेशा तैयार रहते थे। उनके बारे में यह बात प्रसिद्ध थी कि शाह के पास जो भी आता, वह कभी निराश होकर नहीं जाता था। एक बार की  बात है। शाह अशरम सहारनपुर से लखनऊ जा रहे थे। लखनऊ जाने के लिए वह रेलवे स्टेशन पहुंचे, तो अपने साथ आए शिष्यों से कहा कि सारा सामान तुलवाकर उसका रेल भाड़ा अदा कर दें।

संयोग से उस गाड़ी का गार्ड संत अशरम अली को अच्छी तरह से जानता था और वह उनका भक्त भी था। 

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वह बोला, “बाबा, इसकी जरूरत नहीं है। मैं तो साथ चल ही रहा हूं।” शाह साहब ने पूछा, “तुम कहां तक जाओगे ?” 

गार्ड बोला, “मैं बरेली तक जाऊंगा। आप चिंता न करें।” शाह साहब बोले, “भाई मुझे तो और आगे जाना है।” 

गार्ड बोला, “बरेली से जो गार्ड लखनऊ तक जाएगा, मैं उसे बोल दूंगा। आपको किसी भी प्रकार का कोई कष्ट नहीं होगा।”

शाह साहब ने मुस्कुराते हुए कहा, “जनाब, मेरा सफर तो बहुत लंबा है।” 

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गार्ड बोला, “लेकिन आपको लखनऊ तक ही तो जाना है।” 

शाह साहब बोले, “भाई, अभी तो मुझे लखनऊ तक ही जाना है, परंतु जीवन की यात्रा तो बहुत लंबी है। वह खुदा के पास जाने पर ही खत्म होगी। वहां पूरे सामान का किराया न चुकाने के गुनाह से मुझे कौन बचाएगा ? उसकी सजा कौन भुगतेगा ?” 

शाह साहब का यह उत्तर सुनकर गार्ड लज्जित हो गया और उनसे माफी मांगने लगा। शाह साहब के शिष्यों ने सारे सामान को तुलवाकर लखनऊ तक का भाड़ा चुका दिया और इत्मिनान से सब अपने सफर पर निकल पड़े।

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Content Editor

Prachi Sharma

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