Inspirational Story: डिग्री बड़ी या सोच ? जानिए गंगाधर तिलक ने क्यों चुनी कम वेतन वाली नौकरी

punjabkesari.in Sunday, Jul 27, 2025 - 07:35 AM (IST)

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Inspirational Story: प्रसंग उस समय का है जब बाल गंगाधर तिलक ने वकालत की परीक्षा पास कर ली थी। 

एक मित्र ने उनसे पूछा, “अब क्या करना चाहते हो ? वकालत करोगे या कहीं नौकरी पकड़ लोगे ?” 

बाल गंगाधर बोले, “मुझे पैसों की इतनी भी जरूरत नहीं कि मैं सरकार की नौकरी करके अफसरशाही की गुलामी करूं। लेकिन मैं वकालत भी नहीं करना चाहता।” कुछ दिनों बाद उनके मित्रों को पता चला कि बाल गंगाधर ने एक स्कूल में अध्यापक की नौकरी कर ली है।

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कुछ समय बाद तिलक के मित्रों ने कहा, “आपने इतनी ऊंची डिग्री हासिल की और कम वेतन वाली अध्यापक की नौकरी कर ली । क्या तुम्हारी बुद्धि मारी गई है ? इस नौकरी से तो रोज के  खर्चे भी पूरे नहीं होंगे।”

वह थोड़ी देर चुप रहे, फिर बोले, “मैंने यह निर्णय इसलिए लिया है कि अध्यापक की नौकरी बहुत पवित्र है। यह वह भूमि है जिसे सींचने पर ऐसे फूल खिलेंगे जिसकी खुशबू पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया को महकाएगी।” 

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मित्र उनकी बात सुनकर सुखद आश्चर्य में  डूब गए। उन्हें यह बात समझ में आ गई कि जब हमारी सोच अच्छी होती है तो मन में संतुष्टि के भाव अपने आप आ जाते हैं।

तिलक ने कहा, “संतुष्टि ही परम सुख है। धन कमाना और ऐश्वर्य का प्रदर्शन लंबे समय तक मन को शांति नहीं दे सकता।” 

सभी मित्र तिलक के विचार से प्रभावित होकर उनके प्रति श्रद्धावनत हो गए।

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Content Editor

Prachi Sharma

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