Inspirational Story: हर हाल में खुश रहना क्या संभव है ? ये कहानी बदल देगी आपकी सोच
punjabkesari.in Tuesday, Jul 08, 2025 - 02:00 PM (IST)
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Inspirational Story: घटना उस समय की है जब चीन में राजतंत्र हुआ करता था। दरबार में योग्य और अनुभवी लोगों को बड़े पदों पर मनोनीत किया जाता था। वहां के राजा क्वांग ने शुनशुआओ को 3 बार अपना प्रधानमंत्री बनाया और तीनों ही बार हटाया। इस पर न तो वह कभी प्रसन्न हुए और न कभी नाराज।
एक दिन उनके विद्वान मित्र किनबू ने उनकी इस स्थिरता का कारण पूछा। इस पर शुनशुआओ ने कहा कि जब मुझे पहली बार प्रधानमंत्री बनने को कहा गया तो मैंने सोचा अस्वीकार करना ठीक नहीं और मैंने स्वीकार कर लिया। जब मुझे पहली बार हटाया गया तो राज दरबार में इसका खुलकर विरोध हुआ।
परिणामस्वरूप मुझे पुन: प्रधानमंत्री पद संभालने को कहा गया। मैंने सोचा राज दरबार के योग्य और अनुभवी लोगों की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए। मैंने फिर प्रधानमंत्री पद संभाल लिया।

दूसरी बार जब मुझे हटाया गया तो राज दरबार के साथ-साथ जनता ने भी इसका विरोध किया जिससे मुझे प्रधानमंत्री पद पर पुन: बहाल किया गया। इस बार मैंने दरबारियों के साथ-साथ जनता की भावनाओं और उनकी मुझसे की गई अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर फिर उस पद को संभाल लिया।
जब तीसरी बार हटने की बारी आई तो उस समय राजा के इर्द-गिर्द ऐसे लोगों की एक चौकड़ी जमा हो गई थी, जो चापलूसी में ज्यादा विश्वास रखती थी। दरबार में उनके बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अबकी बार मैंने सोचा कि अब मेरी उपयोगिता नहीं रह गई है तो मैं इस पद से चिपका क्यों रहूं और मैं पद से हट गया। जो मुझे मिला था, वह पद का था। मुझे इससे क्या लेना-देना ?

अब विद्वान किनबू समझ गए कि हर परिस्थिति में सुखी व संतुष्ट रहना ही सच्ची इंसानियत और मानव धर्म है।

