Inspirational Story: इस कहानी से सीखें, किस तरह गृहस्थी में रहकर भी ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है
punjabkesari.in Wednesday, Dec 18, 2024 - 11:07 AM (IST)
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Inspirational Story: एक राजा ने अपने मंत्री से पूछा, ‘‘क्या गृहस्थी में रहकर भी ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है ?’’
मंत्री ने उत्तर दिया- हां श्रीमान्, ऐसा हो सकता है। राजा ने पूछा, ‘‘यह किस प्रकार संभव है ? ’’
मंत्री ने उत्तर दिया कि इसका ठीक-ठीक उत्तर एक महात्मा जी दे सकते हैं जो एक नदी के पास घने वन में रहते हैं।
राजा अपने प्रश्न का उत्तर पाने के लिए दूसरे दिन मंत्री को साथ लेकर उन महात्मा से मिलने चल दिया। कुछ दूर चलकर मंत्री ने कहा- महाराज, ऐसा नियम है कि जो उन महात्मा से मिलने जाता है वह रास्ते में चलते हुए कीड़े-मकौड़ों को बचाता चलता है। यदि एक भी कीड़ा पांव से कुचल जाए तो महात्मा श्राप दे देते हैं। राजा ने मंत्री की बात स्वीकार कर ली और खूब ध्यानपूर्वक आगे की जमीन देख-देखकर पैर रखने लगे। इस प्रकार चलते हुए वे महात्मा जी के पास जा पहुंचे।
महात्मा ने दोनों को सत्कारपूर्वक बिठाया और राजा से पूछा कि आपने रास्ते में क्या-क्या देखा मुझे बताइए। राजा ने कहा- भगवन् मैं तो आपके श्राप के डर से रास्ते के कीड़े-मकौड़ों को देखता आया हूं इसलिए मेरा ध्यान दूसरी ओर गया ही नहीं, रास्ते के दृश्यों के बारे में मुझे कुछ भी मालूम नहीं है।
इस पर महात्मा ने हंसते हुए कहा- राजन यही तुम्हारे प्रश्न का उत्तर है। जिस प्रकार मेरे श्राप से डरते हुए तुम आए उसी प्रकार ईश्वर के दंड से डरना चाहिए, जिस प्रकार कीड़ों को बचाते हुए चले, उसी प्रकार बुरे कर्मों से बचते हुए चलना चाहिए।
जिस सावधानी से तुम मेरे पास आए हो, उसी प्रकार अपना जीवन क्रम चलाओ तो गृहस्थी में रहते हुए भी ईश्वर को प्राप्त कर सकते हो।
राजा ठीक उत्तर पाकर संतोषपूर्वक लौट आया।