Inspirational Story: इस कहानी को पढ़ने के बाद दूसरों में दोष ढूंढने की आदत हो जाएगी दूर
punjabkesari.in Tuesday, Dec 03, 2024 - 12:52 PM (IST)
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Inspirational Story: एक युवक उनके पास आया और कहा “आप मुझे अपना चेला बना लीजिए।”
बुढ़ापा आ रहा है यह सोचकर उन्होंने उसे चेला बना लिया। युवक बहुत चंचल स्वभाव का था। ध्यान-साधना में उसका मन नहीं लगता था। गुरु ने कई बार उसे समझाने की कोशिश की पर सफलता नहीं मिली।
उसने एक दिन गुरुदेव से कहा मुझे कोई चमत्कार सिखा दें।
गुरु ने कहा, बेटा ! चमत्कार कोई काम की वस्तु नहीं है। पर चेला अपनी बात पर अड़ा रहा। जिद के सामने गुरुजी को झुकना पड़ा। उन्होंने अपने झोले में से एक शीशा निकाला और चेले के हाथ में उसे थमाते हुए कहा कि यह लो चमत्कारी शीशा। इसे तुम किसी व्यक्ति के सामने करोगे तो उसके दोष इसमें प्रकट हो जाएंगे।
चेला शीशे को पाकर बहुत प्रसन्न हुआ। गुरु ने चेले के हाथ में शीशा क्या थमाया, मानो बंदर के हाथ में तलवार थमा दी। कोई भी व्यक्ति उस आश्रम में आता, चेला उसके सामने उस शीशे को घुमा देता। फलतः उसकी कमजोरियां उसमें प्रकट हो जातीं और चेला उनका दुष्प्रचार शुरू कर देता। गुरु जी सारी बात समझ गए।
एक दिन उन्होंने चेले से कहा, एक बार शीशा अपनी ओर भी घुमाकर देख लो, इससे स्वयं का परीक्षण हो जाएगा कि आश्रम में आकर अपनी साधना से तुमने कितनी प्रगति की है। चेले को बात जंची, उसने फौरन शीशा अपनी ओर किया लेकिन देखा कि उसके भीतर तो दोषों का अंबार लगा है। शर्म से उसका चेहरा लटक गया।
वह तत्काल गुरु के चरणों में गिर पड़ा और अपनी भूल की क्षमा मांगते हुए बोला, आज से मैं दूसरों के दोष देखने की भूल कभी नहीं करूंगा।