Inspirational Story: अंत समय में चाहते हैं स्वर्ग की प्राप्ति तो करें इस चीज का त्याग
punjabkesari.in Tuesday, Mar 05, 2024 - 09:44 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Inspirational Story: शास्त्रों में निपुण, प्रसिद्ध ज्ञानी एवं प्रख्यात संत देवाचार्य के शिष्य का नाम महेंद्रनाथ था। एक शाम महेंद्रनाथ अपने साथियों के साथ बगीचे में टहल रहे थे और आपस में किसी विषय पर चर्चा कर रहे थे। चर्चा का विषय था-स्वर्ग-नरक।
किसी एक साथी ने महेंद्रनाथ से पूछा, ‘‘क्यों मित्र ! क्या मैं स्वर्ग जाऊंगा।’’
महेंद्रनाथ ने उत्तर देते हुए कहा, ‘जब ‘मैं’ जाएगा, तभी आप स्वर्ग जाओगे।’’
उसके मित्र ने सोचा कि महेंद्रनाथ को अभिमान हो गया है और सारे मित्रों ने मिलकर महेंद्रनाथ की शिकायत अपने गुरु श्री देवाचार्य से कर दी।
गुरुदेव को पता था कि उनका शिष्य महेंद्रनाथ न केवल निरहंकारी है बल्कि अल्प शब्दों में गंभीर ज्ञान की बातें बोलने वाला है। उन्होंने महेंद्रनाथ को बुलाकर इस घटना के बारे में पूछा, और उसने अपना सिर हिलाकर इस बात की पुष्टि की। अन्य शिष्यों में इस घटना को देखने के बाद कानाफूसी शुरू हो गई।
देवाचार्य ने मुस्कुराते हुए दोबारा वही प्रश्न पूछा, ‘‘अच्छा यह बताओ महेंद्रनाथ। क्या तुम स्वर्ग जाओगे ?’’
महेंद्रनाथ ने उत्तर दिया, ‘‘गुरुदेव। जब मैं जाएगा तभी तो मैं स्वर्ग जा पाऊंगा।’’
देवाचार्य शिष्यों को समझाते हुए बोले, ‘‘शिष्यो इनके कहने का मतलब है जब ‘मैं’ जाएगा यानी जब अहंकार जाएगा तभी तो हम स्वर्ग के अधिकारी बन पाएंगे।
जब-जब आपके मन में ये बातें आएंगी कि मैंने ऐसा किया, मैंने इतने पुण्य किए, मैंने सब किया। उस स्थिति में स्वर्ग के बारे में सोचना भी गलत है। यह सुनते ही सभी शिष्य संतुष्ट हो गए।