4 दिन की झूठी दुनिया की चमक में खोने से पहले याद रखें ये बात

punjabkesari.in Sunday, Sep 24, 2023 - 08:48 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Inspirational Story: संत बहलोल जिस राज्य में रहते थे वहां का शासक बेहद लालची और अत्याचारी था। एक बार वर्षा अधिक होने के कारण कब्रिस्तान की मिट्टी बह गई। कब्रों में हड्डियां आदि नजर आने लगीं।

संत बहलोल वहीं बैठकर कुछ हड्डियों को सामने रख उनमें से कुछ तलाश करने लगे। उसी समय बादशाह की सवारी उधर आ निकली। राजा ने संत बहलोल से पूछा, “तुम इन मुर्दा हड्डियों में क्या तलाश रहे हो ?”

PunjabKesari Inspirational Story

संत ने कहा, “राजन, मेरे और आपके बाप-दादा इस दुनिया से जा चुके हैं। मैं खोज रहा हूं कि मेरे बाप को खोपड़ी कौन-सी है और आपके अब्बा हुजूर की कौन-सी ?”

यह सुनकर बादशाह हंसते हुए बोला, “क्या नादानों जैसी बातें कर रहे हो ? भला मुर्दा खोपड़ियों में कुछ फर्क हुआ करता है, जो तुम इन्हें पहचान लोगे।”

PunjabKesari Inspirational Story

संत बहलोल ने कहा, “तो फिर हुजूर, चार दिन की झूठी दुनिया की चमक के लिए बडे़ लोग मगरूर होकर गरीबों को छोटा क्यों समझते हैं ?”

बहलोल के ये शब्द बादशाह के दिल पर तीर की तरह असर कर गए। बहलोल को धन्यवाद देते हुए उस दिन से बादशाह ने जुल्म करना बंद कर दिया।

PunjabKesari Inspirational Story


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News