Inspirational Story: अपनों के खुशी और गम में शामिल होने से पहले ध्यान रखें ये बात, पढ़ें प्रेरणात्मक कहानी

punjabkesari.in Thursday, Jun 15, 2023 - 09:33 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Inspirational Context: मुझे अच्छे से याद है जब वर्ष 1971 के दिसम्बर माह में पूरा दिल्ली शहर ब्लैकआऊट के कारण रोजाना रात को अंधेरे के साए में डूब जाया करता था। उस वक्त हम आनंद पर्वत पर गली नं. 16 में रहा करते थे। भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध चल रहा था और राजधानी दिल्ली को सुरक्षित बचाए रखने के लिए रात्रिकाल में सरकार द्वारा घरों की लाइटें और विशेष तौर पर बाहर की स्ट्रीट लाइटें बुझाकर रखने के आदेश जारी किए हुए थे। रात्रि के तमाम आयोजन भी बंद थे।

PunjabKesari Inspirational Story

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

मैं उस समय 5 वर्ष का था तथा दिल्ली नगर निगम के स्कूल की कक्षा पहली में पढ़ा करता था। इसी दौरान हमारे मोहल्ले में एक समृद्ध चौधरी परिवार के बेटे का विवाह था और जैसा कि आज भी ज्यादातर जाट परिवारों में दिन की शादी हुआ करती है, उस दिन भी शादी की पार्टी का आयोजन दिन में ही आलीशान तरीके से किया गया था। हम अपने पिता जी के साथ सपरिवार नए-नए सूट-बूट पहन तैयार होकर उक्त विवाह समारोह में शिरकत करने के लिए बड़े उत्साह से आयोजन स्थल पर पहुंच गए। जैसे ही हम गंतव्य स्थल के बड़े से सजे प्रवेश द्वार से अंदर जाने लगे, वहीं एक 6 फुट ऊंचे लम्बे-तगड़े व्यक्ति ने पिता जी को बड़े रौब से पूछा, ‘‘तन्ने किते जाना सै-अड़े तन्ने किसने बुलाया सै।’’

उस व्यक्ति के इस कदर अवांछनीय प्रश्न से पिता जी के साथ-साथ माता जी तथा हम तीनों भाइयों को कतई अच्छा नहीं लगा क्योंकि हमें उस व्यक्ति ने विवाह समारोह के अंदर जाने से रोक दिया था। हमारे पिता जी बड़े सामाजिक व्यक्ति थे इसीलिए मोहल्ले में उनका रुतबा था। अत: पिता जी अपमानित-सा महसूस करने लगे।

उस व्यक्ति के इस अटपटे व्यवहार के कारण माता जी ने पिता जी से घर वापस लौटने का आग्राह किया परंतु पिता जी ने माता जी को चुप रहने तथा हम तीनों भाइयों का ध्यान रखने के लिए कहा। पिता जी अपने कोट की जेब में कुछ खोजने लगे तभी उस विशालकाय व्यक्ति के पीछे से आवाज आई, ‘‘अरे ठाकुर साहब नमस्कार आपका सपरिवार स्वागत है आप गेट पर क्यों खड़े हैं, अंदर आइए।’’

पिता जी ने आगे बढ़कर चौधरी साहब से हाथ मिलाकर बधाई देते हुए शगुन का लिफाफा उनकी जैकेट की जेब में चुपके से डाल दिया और बड़ी विनम्रतापूर्वक बोले, ‘‘अभी थोड़ी देर में आता हूं। जल्दबाजी में मैं अपनी साइकिल बाहर ही छोड़ आया हूं। इसे अंदर करके आता हूं, कहीं कोई उसे चोरी न कर ले जाए।’’

PunjabKesari Inspirational Story

पिता जी ने हम सभी को वहीं गेट के बाहर रुकने के लिए कहा और तुरंत घर होकर दोबारा लौटे तो उनके हाथ में निमंत्रण कार्ड पर उनका नाम लिखा हुआ स्पष्ट दिखाई दे रहा था। इस बार पिता जी जब सपरिवार विवाह समारोह स्थल के अंदर जा रहे थे तो वह विशालकाय व्यक्ति आंखें नीचे किए हुए खुद ही ग्लानि-सी महसूस कर रहा था।

चूंकि पिता जी भी उसूलों के पक्के थे। उन्होंने उस व्यक्ति के पास जाकर चुपके से उसके कान में कहा, ‘‘भाई आप दुखी न हों। अपनी जगह आप ठीक थे, गलती मेरी ही थी। वैसे एक बात बताऊं मैं जहां भी कहीं निमंत्रित होता हूं तो निमंत्रण पत्र अपनी जेब में डालकर ही घर से निकलता हूं लेकिन इस बार शगुन के लिफाफे के चक्कर में निमंत्रण कार्ड घर ही भूल आया था।’’

PunjabKesari Inspirational Story

बस फिर क्या था हम सब विवाह उत्सव में उपस्थित मेहमानों की भांति गीत-संगीत का आनंद उठाते हुए स्वादिष्ट भोजन कर सब घर लौटे आए। पिता जी ने अपने कपड़े बदलने के बाद पूरे परिवार को बैठ कर समझाया कि हमें जब भी किसी के यहां जाना हो तो अपने साथ निमंत्रण पत्र अवश्य लेकर चलना चाहिए वर्ना जैसे आज हमें गेट पर ही रोक लिया गया, वह नहीं होता। इसी दौरान मैंने साहस जुटाते हुए पिता जी से पूछा, ‘‘लेकिन 3 दिन पहले आप सामने वाले अंकल के घर तो सुबह-सुबह बिना किसी निमंत्रण के चले गए थे।’’

पिता जी ने प्रश्न को गंभीरतापूर्वक सुना फिर बोले, ‘‘बेटा वहां किसी का निधन हो गया था और किसी भी व्यक्ति के दुख में शामिल होने के लिए किसी निमंत्रण पत्र की कोई जरूरत नहीं होती परंतु खुशी के मौके पर निमंत्रण पत्र के साथ ही जाना चाहिए और हां, अगर आपका बहुत ही करीबी रिश्तेदार और मित्र भी यदि आपको विधिवत निमंत्रण पत्र न दे तो उसके यहां आयोजन में कभी भी शरीक नहीं होना चाहिए।’’

पिता जी का स्वर्गवास हुए 30 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन आज व्हाट्सऐप की दुनिया में भी, मैं पिता जी के सिद्धांतों का पालन करता हूं क्योंकि सबसे बड़ा मान-आत्मसम्मान होता है।  

PunjabKesari kundli
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News