आप भी अपने मृत शरीर में पुन: प्राणों का संचार करवाना चाहते हैं...

punjabkesari.in Thursday, Dec 15, 2022 - 10:56 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Inspirational Story- महाराज शतद्रुम बड़े पराक्रमी और नीतिकुशल सम्राट थे। उनके विशाल साम्राज्य और ऐश्वर्य की चर्चा चारों ओर थी। लेकिन सभी की देह कभी न कभी काल का ग्रास बनती है। शतद्रुम की बारी भी आ गई। राजवैद्य के प्रयास भी उन्हें बचा न सके। परन्तु मरते-मरते भी जीवन लालसा छूटी नहीं।

PunjabKesari Inspirational Story

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

उन्होंने मंत्रियों एवं महारानी से कहा, ‘‘उनका शरीर जलाया न जाए, बल्कि उसे सुरक्षित रखने का यत्न किया जाए। किसी ऐसे तेजस्वी मुनि की खोज की जाए जो मृत शरीर में पुन: प्राणों का संचार कर दे।’’

PunjabKesari inspirational story

मंत्री एवं महारानी को संयोग से ऐसे ऋषि मिल भी गए। सारी बातें सुनकर महर्षि ने कहा, ‘‘पहले हमें यह पता करना पड़ेगा कि मृत्यु के बाद महाराज की जीवात्मा कहां, किस योनि में है ?’’

महर्षि ने पता लगाया कि शतद्रुम राजोद्यान में एक कीड़े की योनि में हैं। सेनापति उस कीड़े को मारने पहुंचे तो वह भय से इधर-उधर छिप रहा था। यह देख महर्षि हंसे और बोले, ‘‘यही मृत्यु भय है, जो एक कीड़े में उतना ही, जितना कि शतद्रुम में था।’’

PunjabKesari Inspirational Story
महाराज जितना पूर्व शरीर में सुखी थे, उतने ही अभी भी हैं। जब वह स्वयं इस कीड़े के शरीर को नहीं छोड़ना चाहते तो उन्हें व्यर्थ परेशान न करो। सभी ने महर्षि की बात मान ली।

PunjabKesari kundli


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News