इस कहानी से सीखें, तनाव, ईर्ष्या और नफरत से मुक्ति पाने का तरीका
punjabkesari.in Thursday, Dec 11, 2025 - 12:56 PM (IST)
Inspirational Context: एक महात्मा ने शिष्यों से कहा कि वे कल प्रवचन में अपने साथ एक थैली में कुछ आलू भरकर लाएं। साथ ही निर्देश भी दिया कि उन आलुओं पर उस व्यक्ति का नाम लिखा होना चाहिए जिनसे वे ईर्ष्या करते हैं। अगले दिन कोई शिष्य चार आलू, कोई छह आलू तो कोई आठ आलू लेकर आया। प्रत्येक आलू पर उस व्यक्ति का नाम लिखा था जिससे वे नफरत करते थे।

अब महात्मा जी ने कहा कि अगले सात दिनों तक आप लोग ये आलू हमेशा अपने साथ रखें। शिष्यों को कुछ समझ में नहीं आया कि महात्मा जी क्या चाहते हैं, लेकिन सबने आदेश का पालन किया। दो-तीन दिनों के बाद ही शिष्यों को कष्ट होने लगा। जिनके पास ज्यादा आलू थे, वे बड़े कष्ट में थे। किसी तरह उन्होंने सात दिन बिताए और महात्मा के पास पहुंचे।
महात्मा ने कहा, ‘‘अब अपनी-अपनी थैलियां निकाल कर रख दें।’’

शिष्यों ने चैन की सांस ली। महात्मा जी ने विगत सात दिनों का अनुभव पूछा। शिष्यों ने अपने कष्टों का विवरण दिया। उन्होंने आलुओं की बदबू से होने वाली परेशानी के बारे में बताया। सभी ने कहा कि अब बड़ा हल्का महसूस हो रहा है।
महात्मा ने कहा, “जब मात्र सात दिनों में ही आपको ये आलू बोझ लगने लगे, तब सोचिए कि आप जिन व्यक्तियों से ईर्ष्या या नफरत करते हैं, आपके मन पर उनका कितना बड़ा बोझ रहता होगा और उसे आप जिंदगी भर ढोते रहते हैं। सोचिए, ईर्ष्या बोझ से आपके मन और दिमाग की क्या हालत होती होगी? अत: अपने मन से बुरी भावनाओं को निकाल दो। यदि किसी से प्यार नहीं कर सकते तो कम से कम नफरत मत करो। आपका मन स्वच्छ, निर्मल और हल्का रहेगा।”

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