4 हजार साल से भी पुराने इस शिव मंदिर क्या है इतिहास?

punjabkesari.in Wednesday, Mar 23, 2022 - 02:18 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हमारे देश में हिंदू धर्म से जुड़ी अनगिनत मंदिर हैं। तो वहीं बात करें शिव मंदिरों की तो इनकी गिनती न तमाम मंदिरों में अधिक मानी जाती है। आज हम आपको एक प्राचीन शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि इस मंदिर के नाम से एक शहर का नाम रखा गया था। तो वहीं मंदिर का रहस्य स्वर्ग के राजा इंद्र देव से जुड़ा हुई है। कुछ माह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के देश का नाम समर्पित किया गया तो वहीं मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के राज परिवार का खास नाता सामने आया। जी हां, आज आपको मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के नामकरण से जुड़ी ऐसी जानकारी बताने जा रहे हैं, जिसका संबंध इंद्र देव से है। तो चलिए जानते हैं क्या है इंदौर के नाम से जुडे़ धार्मिक व पौराणिक तथ्य। 
PunjabKesari, Indreshwar Mahadev Mandir, Indreshwar Mahadev Temple, Indore Indreshwar Mahadev Mandir, Indore and Indreshwar Mahadev Mandir Connection, Dharmik Sthal, Religious Place in hindi, Mysterious Temple of india, हिंदू धार्मिक स्थल, Dharm, Punjab Kesari
धार्मिक मान्यताओं केअनुसार मां अहिल्या की नगरी कहलाने वाले शहर इंदौर में कई प्राचीन मंदिर स्थित है। जिनका अपना मत व रहस्य आदि है। जिनमें से सबसे पुराने मंदिर की सूची में इंद्रेश्वर महादेव मंदिर शामिल है। बता दें ये मंदिर मध्यप्रदेष में पंढरीनाथ थाने के पीछे स्थित है। ऐसा लोक मत है कि ये मंदिर 4 हजार वर्ष से भी अधिक प्राचीन है। इतना ही नहीं ये भी कहा जाता है कि इस मंदिर के नाम से ही इस शहर का नाम इंदूर पड़ा था, जिसे बाद में बदलकर इंदौर कर दिया गया था। 

इतिहासकारों की मानें तो जब-जब अल्पवर्षा से इंदौर के शहरवासियों को जल संकट का सामना करना पड़ता है, तब लोग भगवान शिव का जलाभिषेत करते हैं। जिसके बाद इस संकट से उन्हें राहत मिलती है। मंदिर के प्रमुख पुजारी का मानना है कि हिंदू धर्म के कई ग्रंथों में इस प्राचीन मंदिर का उल्लेख पढ़ने तो मिलता है। 
PunjabKesari, Indreshwar Mahadev Mandir, Indreshwar Mahadev Temple, Indore Indreshwar Mahadev Mandir, Indore and Indreshwar Mahadev Mandir Connection, Dharmik Sthal, Religious Place in hindi, Mysterious Temple of india, हिंदू धार्मिक स्थल, Dharm, Punjab Kesari
मंदिर से जुड़ी अन्य जानकारी- 
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार भगवान इंद्र को एक बार सफेद दाग की बीमारी हुई तो उन्होंने यहां तपस्या की। जिस कारण इस मंदिर को इंद्र देव से जोड़ कर देखा जाता है।  इस मंदिर की स्थापना स्वामी इंद्रपुरी ने की थी। किंवदंतियों के मुताबिक उन्होंने शिवलिंग को कान्ह नदी से निकलवाकर प्रतिस्थापित किया था। बाद में तुकोजीराव प्रथम ने इस मंदिर का जीर्णद्धार किया था। यहां के लोगों द्वारा बताया जाता है कि यहां लोग कोई भी परेशानी आने पर इंद्रेश्वर महादेव की शरण में आते थे। 

कहा जाता है कि इंद्रेश्वर महादेव इंदौर शहर का सबसे प्राचीन मंदिर है, जो पंढरीनाथ में लगभग 4 हजार वर्ष पहले निर्मित हुआ था। इतिहासकार बताते हैं कि यहां लोक मत के अनुसार भगवान को स्पर्श करते हुए निकलने वाले जल को ग्रहण करने से रोग आदि से छुटकारा मिलता है। तो वहीं बारिश के लिए यहां शिवलिंग का अभिषेक करने के बाद भगवान को जलमग्न कर दिया जाता है। बता देंइस इंद्रेश्वर महादेव मंदिर का उल्लेख शिव महापुराण में भी किया है।
PunjabKesari, Indreshwar Mahadev Mandir, Indreshwar Mahadev Temple, Indore Indreshwar Mahadev Mandir, Indore and Indreshwar Mahadev Mandir Connection, Dharmik Sthal, Religious Place in hindi, Mysterious Temple of india, हिंदू धार्मिक स्थल, Dharm, Punjab Kesari
मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा- 
पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन समय में त्वष्टा नाम के प्रजापति हुआ करते थे, उनका एक पुत्र था कुषध्वज। वह अत्यंत दान-धर्म का कार्य करता था। एक बार इंद्र ने उसे मार दिया। इस पर प्रजापति ने क्रोध में अपनी जटा से एक बाल तोड़ा और उसे अग्नि में डाल दिया। जिससे वृत्रासुर नामक दैत्य उत्पन्न हुआ। प्रजापति की आज्ञा पर वृत्रासुर ने दवताओं से युद्ध किया और इंद्रदेव को अपना बंधक बना लिया तथा स्वर्ग में राज करने लगा। 

कुछ समय बाद देवगुरू बृहस्पति वहां पहुंचें तथा उन्होंने इंद्र को उसके बंधन से मुक्त कराया। मुक्त होने के बाद इंद्र ने पुनः स्वर्ग प्राप्ति का मार्ग बृहस्पति से पूछा। तब बृहस्पति देव ने कहा कि इंद्र आप जल्द महाकाल वन में जाएं और खंडेश्वर महादेव के दक्षिण में विराजित शिवलिंग का पूजन कीजिए। इंद्रदेव ने उनके कहे अनुसार ही शिवलिंग का पूजन किया। जिसके बाद भगवान शिव ने प्रकट होकर इंद्र देव को वरदान दिया कि वह शिव के प्रभाव से वृत्रासुर से युद्ध करें औक विजय प्राप्त करें। 
PunjabKesari, Indreshwar Mahadev Mandir, Indreshwar Mahadev Temple, Indore Indreshwar Mahadev Mandir, Indore and Indreshwar Mahadev Mandir Connection, Dharmik Sthal, Religious Place in hindi, Mysterious Temple of india, हिंदू धार्मिक स्थल, Dharm, Punjab Kesari
तदोपरांत इंद्र ने वृत्रासुर का नाश किया ओर पुनः स्वर्ग पर अपना अधिकार प्राप्त किया। ऐसी मान्यताएं प्रचलित हैं कि इंद्र के पूजन किए जाने के कारण शिवलिंग इंद्रेश्वर के नाम से विख्यात हुआ। कलियुग में जो भी मनुष्य इस शिवलिंग का पूजन करता है, वह सभी पापों से मुक्त होता है तथा स्वर्ग की प्राप्ति करता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News