शास्त्रों के अनुसार, जिस घर में श्राद्ध नहीं होता वहां...

punjabkesari.in Tuesday, Sep 21, 2021 - 02:06 PM (IST)

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Shradh 2021 september:  श्रद्धया दीयते यत्र, तच्छ्राद्धं परिचक्षते।
श्रद्धा से जो पूर्वजों के लिए किया जाता है, उसे ‘श्राद्ध’ कहते हैं। आपका एक माह बीतता है तो पितृलोक का एक दिन होता है। साल में एक बार ही श्राद्ध करने से कुल-खानदान के पितरों को तृप्ति हो जाती है।

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Shradh 2021 Significance and Importance: जो श्राद्ध करते हैं वे स्वयं भी सुखी-सम्पन्न होते हैं और उनके दादे-परदादे, पुरखे भी सब सुखी होते हैं। श्राद्ध के दिनों में पितर आशा रखते हैं कि हमारे बच्चे हमारे लिए कुछ न कुछ अर्पण करें, हमें तृप्ति हो। शाम तक वे इधर-उधर निहारते रहते हैं। अगर श्राद्ध नहीं करते तो वे दुत्कार कर चले जाते हैं।

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Pitru Paksha Shraddha 2021: ‘हारीत स्मृति’ में लिखा है - जिसके घर में श्राद्ध नहीं होता उनके कुल-खानदान में वीर पुत्र उत्पन्न नहीं होते। कोई निरोग नहीं रहता। लम्बी आयु नहीं होती और किसी न किसी तरह का झंझट तथा खटपट बनी रहती है। किसी तरह कल्याण नहीं प्राप्त होता।

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Pitru Ppaksha 2021 upay: ‘विष्णु पुराण’ के अनुसार, ‘‘श्राद्ध से ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, वरुण, अष्टवसु, अश्विनी कुमार, सूर्य, अग्रि, वायु, ऋषि, पितृगण, पशु-पक्षी, मनुष्य और जगत भी संतुष्ट होता है। श्राद्ध करने वाले पर इन सभी की प्रसन्न दृष्टि रहती है।’’

वह इतने लोगों को संतुष्ट करने में सक्षम होता है तो स्वयं असंतुष्ट कैसे रहेगा। प्रत्येक मनुष्य इस धरती पर जन्म लेने के पश्चात तीन ऋणों से ग्रस्त होता है। पहला देव ऋण, दूसरा ऋषि ऋण और तीसरा पितृ ऋण। पितृपक्ष के श्राद्ध अर्थात 16 श्राद्ध साल के ऐसे सुनहरे दिन हैं जिसमें हम श्राद्ध में शामिल होकर उपरोक्त तीनों ऋणों से मुक्ति पा सकते हैं।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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