Holika Dahan: इस विधि से होलिका में दहन करें अपने सभी कष्ट

punjabkesari.in Saturday, Mar 23, 2024 - 07:24 AM (IST)

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Holika Dahan 2024: होली के आयोजन में अग्नि प्रज्ज्वलित कर वायुमंडल से संक्रामक कीटाणुओं को दूर करने का प्रयास होता है। इस दहन में वातावरण शुद्धि हेतु हवन सामग्री के अलावा गूलर की लकड़ी, गोबर के उपले, नारियल, अधपके अन्न आदि के अलावा बहुत-सी अन्य निरोधात्मक सामग्री का प्रयोग किया जाता है, जिससे आने वाले रोगों के कीटाणु मर जाते हैं। जब लोग उच्च ताप वाली होलिका के गिर्द परिक्रमा करते हैं तो उनमें रोगोत्पादक जीवाणुओं को समाप्त करने की प्रतिरोधात्मक क्षमता में वृद्धि होती है और वे कई रोगों से बच जाते हैं।

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ऐसी दूरदृष्टि भारत के हर पर्व में विद्यमान है जिसे समझने और समझाने की आवश्यकता है। देश भर में एक साथ एक विशिष्ट रात में होने वाले होलिका दहन, इस सर्दी और गर्मी की ऋतु-संधि में फूटने वाले मलेरिया, वायरल, फ्लू आदि तथा अनेक संक्रामक रोग-कीटाणुओं के विरुद्ध यह एक धार्मिक सामूहिक अभियान है।

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समस्याओं के लिए कर सकते हैं कुछ विशेष उपाय
होली व दीवाली ऐसे विशेष अवसर हैं जब हर प्रकार की साधनाएं तथा छोटे-छोटे उपाय सार्थक हो जाते हैं। कुछ उपाय होलिका दहन में किए जाते हैं।

आप अपने इलाके में पहले से ही देख कर रखें कि होलिका किस मंदिर में पूरे अनुष्ठान से प्रज्ज्वलित की जाएगी, वहां निर्धारित समय पर पहुंच जाएं और अपनी समस्याओं के अनुसार उपाय करें।

यदि कोई बहुत बीमार है या दवा नहीं लग रही तो एक मुट्ठी पीली सरसों, एक लौंग, काले तिल ,एक छोटा टुकड़ा फिटकरी, एक सूखा नारियल  लेकर उस पर 7 बार उल्टा घुमा के होलिका में दहन कर दें।

दांपत्य जीवन में मिठास लाने के लिए-रुई की 108 बत्तियां देसी घी में भिगो के होलिका में संबंध सुधार की अनुनय सहित एक-एक करके परिक्रमा करते हुए डालें। यह उपाय माता- पिता अपने बच्चों, वर-वधू की फोटो पर घुमा कर भी कर सकते हैं।

प्रगति ठप्प हो गई है तो देसी घी में भीगे दो लौंग, एक बताशा, एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। दूसरे दिन वहां की राख ला कर शरीर पर मलें और नहा लें। तांत्रिक अभिचार दूर हो जाएगा

यदि आपको लगता है कि बच्चे को किसी की नजर लग गई है तो-देसी घी में भीगे पांच लौंग, एक बताशा, एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। दूसरे दिन वहां की राख ला कर ताबीज में भर कर बच्चे को पहनाएं।

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यदि आपके घर को बुरी नजर लग गई है उसे उतारने का यह स्वर्णिम अवसर है। देसी घी में भीगे दो लौंग, एक बताशा, मिश्री, एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। दूसरे दिन वहां की राख ला कर लाल कपड़े में बांध कर घर में रखें।

आपके घर, दुकान, प्रतिष्ठान को नजर लग गई हो तो होलिका दहन की सायं मुख्य द्वार की दहलीज पर लाल गुलाल छिड़कें, उस पर आटे का दोमुखी दीया, थोड़ा-सा सरसों का तेल डाल कर जलाएं। समस्याओं के निराकरण की प्रार्थना करें और दीपक ठंडा होने पर होलिका में डाल आएं। जरूर लाभ होगा।

व्यापार वृद्धि तथा नजर उतारने के लिए  दुकान, ऑफिस या कार्यालय में सायंकाल एक सफेद कपड़े पर गेहूं और सरसों की 7-7 ढेरियां रखें। इन पर एक-एक काली मिर्च रखें। 7 नींबू के 2-2 टुकड़े करके इन ढेरियों पर रखें। ओम् कपालिनी स्वाहा!  मंत्र का 7 बार पाठ करें। 

पाठ समाप्ति पर इस सारी सामग्री की पोटली बनाकर लाल मौली से गांठ लगाकर बांध लें और दुकान या घर में एक सिरे से आरंभ कर के चारों कोनों पर घुमा कर बाहर ले आएं। इस पोटली को होलिका में डाल दें।

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धनवृद्धि हेतु होलिका में यह मंत्र ‘ ओम् श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्मय नम: ’ 108 बार पढ़ते जाएं और शक्कर की आहुति देते जाएं। यदि  सरकार या व्यक्ति विशेष से बाधा है तो-होलिका में उल्टे चक्कर लगाते हुए आक की जड़ के 7 टुकड़े, विरोधी का नाम लेते हुए डालें।

किसी प्रकार का भाइयों से मनमुटाव या भूमि विवाद हो तो 11 नीम की पत्तियां और लाल चंदन, होलिका दहन में अर्पित करें। गले या वाणी या त्वचा संबंधी रोग के लिए- हरी मूंग की एक मुट्ठी डालें।

खांसी, अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से सात बार उल्टा घुमा कर 48 बादाम होलिका में समर्पित करें।

धन न टिकता हो तो होली के दिन 5 कौड़िया, लाल कपड़े में बांध कर तिजोरी, कैश बॉक्स में रखें।

ये अनुभूत पारंपरिक तथा आंचलिक उपाय हैं जिन्हें सदियों से हमारे देश में प्रयोग कर लाभ उठाया जा रहा है। 

 


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Content Writer

Niyati Bhandari

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