Holi Bhai Dooj Katha 2025: यमपुरी से बचना है तो पढ़ें होली भाई दूज कथा !

punjabkesari.in Saturday, Mar 15, 2025 - 11:29 AM (IST)

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Holi Bhai Dooj Katha 2025: होली भाई दूज का पर्व भाई-बहन के संबंधों को सुदृढ़ बनाता है। इस दिन बहन के यहां भोजन करने और द्रव्य देने की प्रथा है, जो शुभ समझा जाता है। इस दिन यमराज ने अपनी बहन के घर आतिथ्य स्वीकार किया था और भोजन ग्रहण किया था इसलिए युगों से इस परम्परा का भाई आज भी निर्वाह करते आ रहे हैं। कहते हैं आज भी यमराज अपनी यमपुरी को छोड़कर अपनी बहन यमुना के घर आते हैं।

Holi Bhai Dooj Katha
पौराणिक आख्यान के अनुसार इस दिन भगवान यम अपनी बहन यमुना से मिलने जाया करते हैं और उन्हीं के अनुसरण पर इस दिन जो लोग अपनी बहनों से मिलते, उनका सम्मान कर उनसे आशीर्वाद के रूप में तिलक ग्रहण करते हैं उन्हें मृत्यु का भय नहीं रहता। भाई अपने सामर्थ्यनुसार बहन को कुछ भेंट देकर भ्रातृ स्नेह को दृढ़ करते हैं।

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान सूर्य की पत्नी देवी संज्ञा ने 2 संतानों पुत्र यमराज और पुत्री यमुना को जन्म दिया। संज्ञा देवी अपने पति सूर्य की उद्दीप्त किरणों को न सह सकने के कारण उत्तरी ध्रुव प्रदेश में छाया बनकर रहने लगी। 

Holi Bhai Dooj Katha

कहते हैं यम ने अपनी एक नगरी बसाई यमपुरी। यमपुरी में पापियों को दंड का काम संपादित करते भाई को देखकर उनकी बहन यमुना गौलोक को चली गई। बहुत दिनों बाद एक दिन अचानक यम को अपनी बहन की याद आई तो उन्होंने दूत भेजकर उनकी खोज करवाई पर वह नहीं मिली। फिर वे स्वयं ही गौ लोक गए जहां विश्राम घाट पर उनकी यमुना जी से भेंट हुई।

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यमुना जी ने हर्ष विभोर होकर अपने भाई का स्वागत सत्कार कर उन्हें बड़े प्रेम से भोजन कराया। प्रसन्न होकर यम ने वर मांगने को कहा तो यमुना ने कहा, ‘‘भैया, मैं आपसे वर मांगती हूं कि मेरे जल में स्नान करने वाले नर-नारी यमपुरी न जाएं। वर कठिन था और यम के ऐसा करने से तो यमपुरी का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता।

भाई को दुविधा में फंसे देख यमुना ने कहा- आप चिंता न करें, मुझे यह वरदान दें कि जो भाई आज के दिन बहन के घर भोजन करके मथुरा नगर स्थित विश्राम घाट पर स्नान करेंगे, वे यमपुरी नहीं जाएंगे। इसे यमराज ने स्वीकार कर लिया। तभी से यह त्यौहार मनाने का प्रचलन आरंभ हुआ।  

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Content Writer

Niyati Bhandari

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