Holi 2025 and Chandra Grahan: रंग-बिरंगी होली पर है चंद्र ग्रहण का काला साया, न करें ये Mistakes
punjabkesari.in Friday, Feb 21, 2025 - 08:27 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Holi and Lunar Eclipse 2025: वर्ष 2025 में रंग-बिरंगी होली पर मंडरा रहा है चंद्र ग्रहण का काला साया। होली के दिन इस साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है। चंद्र ग्रहण को लेकर हिंदू शास्त्रों में कई नियम और उपाय बताए गए हैं। चंद्र ग्रहण को एक विशेष खगोलीय घटना के रूप में देखा जाता है, और इसे धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों से बचने की सलाह दी गई है। यहां कुछ ऐसे कार्य दिए गए हैं जो शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान नहीं किए जाने चाहिए:
खाना पकाना और खाना खाना: चंद्र ग्रहण के दौरान खाना पकाने और खाने से बचने की सलाह दी जाती है। शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के दौरान पके हुए भोजन में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर सकती है। इस समय भोजन में विषाक्तता या अपवित्रता का आभास हो सकता है इसलिए इस दौरान भोजन करना या पकाना नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
शारीरिक संबंध: चंद्र ग्रहण के समय शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए क्योंकि इसे शरीर और मानसिकता पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाला माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, यह समय अशुद्धि और नकारात्मकता का होता है, जिससे शरीर और मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।
अत्यधिक शारीरिक श्रम: चंद्र ग्रहण के दौरान भारी शारीरिक श्रम से बचना चाहिए जैसे कि भारी वस्तुओं को उठाना या बहुत मेहनत करना। यह समय आराम करने और मानसिक शांति को बनाए रखने का होता है, ताकि नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सके।
निंद्रा (सोना): ग्रहण के दौरान सोने से बचना चाहिए। विशेष रूप से रात में चंद्र ग्रहण के समय सोने से शास्त्रों के अनुसार मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इस दौरान ध्यान और पूजा करना शुभ माना जाता है, जबकि सोने से नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका होती है।
नैतिक और धार्मिक कार्यों का त्याग: चंद्र ग्रहण के समय शुभ कार्य जैसे कि शादी, मुंडन, या नई शुरुआत (जैसे व्यापार या यात्रा) नहीं करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान इन कार्यों से शुभता में कमी आ सकती है और नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।
मंत्रोच्चारण: चंद्र ग्रहण के समय विशेष रूप से शांति और ध्यान बनाए रखने की सलाह दी जाती है लेकिन अत्यधिक और उच्चारण में गलतियां करने से बचने के लिए मंत्रों का जाप ध्यानपूर्वक करें। कोई भी पूजा या मंत्रोच्चारण गलत तरीके से करना अनिष्टकारी हो सकता है।
धार्मिक विधि में कोई गड़बड़ी: चंद्र ग्रहण के दौरान कोई भी धार्मिक पूजा या विधि पूरी तरह से शुद्ध और सावधानी से करनी चाहिए। यदि विधि में कोई गड़बड़ी हो तो यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ग्रहण के दौरान पूजा करते समय विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
यात्रा (विशेषकर रात में): चंद्र ग्रहण के दौरान यात्रा से बचना चाहिए, विशेषकर रात में। शास्त्रों में इसे असुरक्षित और अशुभ माना जाता है क्योंकि ग्रहण के समय ग्रहों का प्रभाव अनुकूल नहीं होता और यात्रा के दौरान दुर्घटना या अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
आध्यात्मिक क्रियाओं में व्यस्तता: चंद्र ग्रहण के समय शास्त्रों के अनुसार ध्यान या योग जैसी आध्यात्मिक क्रियाओं में भी केवल शुद्धता और शांतिपूर्वक बैठने की सलाह दी जाती है। अत्यधिक हलचल या असावधानी से बचना चाहिए क्योंकि यह मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल असर डाल सकता है।
इन शास्त्रों के नियमों का पालन करके हम न केवल ग्रहण के दौरान नकारात्मक प्रभाव से बच सकते हैं बल्कि मानसिक शांति और आत्मसंयम बनाए रख सकते हैं।
होली और चंद्र ग्रहण 2025
14 मार्च 2025 को होली का त्यौहार मनाया जाएगा। हर साल होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। पूर्णिमा तिथि का आरंभ 13 मार्च की सुबह 10:35 मिनट पर होगा और समापन 14 मार्च की दोपहर 12:23 पर होगा। होलिका दहन 13 मार्च को होगा। 14 मार्च की सुबह 9:29 से चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, जो दोपहर 3:29 मिनट तक रहेगा।