Holashtak 2025: अधूरी इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए होलाष्टक के दौरान करें इन मंत्रों का जाप

punjabkesari.in Friday, Mar 07, 2025 - 08:55 AM (IST)

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Holashtak 2025: होलाष्टक हिन्दू धर्म का एक विशेष पर्व है, जो होली से आठ दिन पहले मनाया जाता है। यह समय विशेष रूप से धार्मिक कार्यों, पूजा और मंत्र जप के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान किए गए साधना और मंत्र जप से व्यक्ति की अधूरी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। होलाष्टक में किये जाने वाले कुछ विशेष मंत्रों के जप से व्यक्ति न केवल मानसिक शांति प्राप्त करता है बल्कि उसे अपनी अधूरी इच्छाओं को पूर्ण करने का भी मार्ग मिलता है। इस आर्टिकल में जानेंगे कि होलाष्टक के दौरान कौन से मंत्रों का जाप किया जाता है और कैसे ये मंत्र इच्छाओं की पूर्ति में मदद कर सकते हैं।

होलाष्टक में कौन से मंत्रों का जाप करें ?

होलाष्टक के दौरान कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। ये मंत्र न केवल साधक को मानसिक शांति प्रदान करते हैं बल्कि उसे उसके जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में भी सहायक होते हैं।

गायत्री मंत्र- ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।

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गायत्री मंत्र को सर्वश्रेष्ठ और शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना जाता है। इसका जाप विशेष रूप से होलाष्टक के दौरान किया जाता है क्योंकि यह मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है। गायत्री मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में समस्याओं का समाधान होता है। 

महालक्ष्मी मंत्र
होलाष्टक में महालक्ष्मी मंत्र का जाप विशेष रूप से आर्थिक समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में धन, वैभव और सुख-समृद्धि लाता है। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता और आर्थिक तंगी का नाश होता है और लक्ष्मी की कृपा से उसे समृद्धि प्राप्त होती है।

हालक्ष्मी मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मी देवी नमः।

हनुमान चालीसा
हनुमान चालीसा का जाप करना भी होलाष्टक के दौरान विशेष फलदायी माना जाता है। यह विशेष रूप से मानसिक और शारीरिक बल के लिए उपयोगी है। हनुमान जी की उपासना से व्यक्ति को हर प्रकार की मुश्किलों से उबारने की शक्ति प्राप्त होती है।

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महामृत्युंजय मंत्र
यह मंत्र मृत्यु और असमय मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। इसके साथ ही यह मंत्र मानसिक शांति और समृद्धि लाने में भी सहायक होता है।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।
 
शिव स्त्रोत और शिव मंत्र

होलाष्टक के दौरान शिवजी की पूजा और मंत्र जप का भी विशेष महत्व है। शिवजी को विशेष रूप से अडिग इच्छाओं को पूरा करने वाला माना जाता है।

भगवान शिव मंत्र: ॐ नमः शिवाय

इसके अलावा, शिव स्त्रोत का जाप भी अत्यंत प्रभावी होता है। यह व्यक्ति को शांति, शक्ति और आत्मनिर्भरता का अनुभव कराता है।

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Content Editor

Prachi Sharma

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