8 अगस्त को है हरियाली अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

punjabkesari.in Thursday, Aug 05, 2021 - 03:07 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हमारे शास्त्रों में और ज्योतिष में भी सावन मास की अमावस्या और पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व होता है। हरियाली अमावस्या श्रावण मास में पड़ने वाली अमावस्या को कहते हैं। इसे श्रावणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली अमावस्या सावन शिवरात्रि के दूसरे दिन पड़ती है और यह पर्व हरियाली तीज से तीन दिन पूर्व मनाया जाता है। सावन मास में वर्षा के कारण चारो तरफ हरियाली छा जाती है। श्रावण अमावस्या पर पेड़-पौधों को नया जीवन मिलता है और इनकी वजह से ही मानव जीवन सुरक्षित रहता है, इसलिए प्राकृतिक दृष्टिकोण से भी हरियाली अमावस्या का बहुत बड़ा महत्व है।  इस साल सावन की हरियाली अमावस्या 8 अगस्त रविवार के दिन पड़ रही है। इस दिन व्यातीपात और वरियान योग साथ में पुष्य नक्षत्र रहेगा।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, हरियाली अमावस्या पर भी पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान-धर्म करने का महत्व है।  हरियाली अमावस्या के दिन दिन वृक्षारोपण का कार्य विशेष रूप से किया जाता हैं। इस दिन एक नया पौधा लगाना शुभ माना जाता हैं। इस दिन कई शहरों में हरियाली अमावस्या के दिन मेलों का भी आयोजन किया जाता हैं। खासकर किसानों के लिए हरियाली अमावस्या विशेष होती है। किसान इस दिन एक-दूसरे को गुड़ और धानी की प्रसाद देकर अच्छे मानसून की शुभकामना देते हैं। साथ ही वे अपने कृषि यंत्रों का पूजन भी करते हैं। आइए जानते हैं हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में -

हरियाली अमावस्या का मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारम्भ - अगस्त 07, 2021 को शाम 07:11 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त - अगस्त 08, 2021 को शाम 07:19 बजे

हरियाली अमावस्या पूजा विधि
इस दिन गंगा जल से स्नान करें। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें। श्रावणी अमावस्या का उपवास करें एवं किसी गरीब को दान-दक्षिणा दें। श्रावणी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान है। हरियाली अमावस्या के दिन पौधा रोपड़ का बहुत महत्व होता है। हरियाली अमावस्या पर देववृक्ष पीपल, बरगद, केला, नींबू, तुलसी आदि का वृक्षारोपण करना शुभ माना जाता है। किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाएं। अपने घर के पास चींटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं। 

हरियाली अमावस्या की शाम को मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं। इस दिन ऐसा करने से घर से दरिद्रता दूर होती है। अमावस्या की रात को घर में पूजा करते समय पूजा की थाली में स्वस्तिक या ॐ बनाकर उस पर महालक्ष्मी यंत्र रखें। शाम को शिवजी की विधिवत पूजा आराधना करें और उनको खीर का भोग लगाएं। ऐसा करने से आपको शिवजी की कृपा मिलती है। 

इस दिन पितृदोष से मुक्ति हेतु पितृ तर्पण वह पिंडदान किया जाता है।

हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव को सफेद आंकड़े के फूल, बिल्व पत्र और भांग, धतूरा चढ़ाएं। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से करना चाहिए।

इस दिन अमावस्या का व्रत भी रखा जाता है।

इस दिन दान देने का महत्व भी बढ़ जाता है। दीपदान भी करना चाहिए।

इस दिन हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं।

इस दिन किसी गरीब व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद उसे दक्षिणा दें।

इस दिन आटे के दीपक जलाकर नदी में प्रवाहित करने से पितृदेव और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है।

इस दिन गेहूं और ज्वार की धानी का प्रसाद वितरण करें।

इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।

हरियाली अमावस्या के दिन शिवजी और श्रीविष्णु के मंत्रों का जाप और श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करें।

हरियाली अमावस्या की रात्रि में पूजा करते समय पूजा की थाली में स्वास्तिक या ॐ बनाकर और उसपर महालक्ष्मी यंत्र रखें फिर विधिवत पूजा अर्चना करें, ऐसा करने से घर में स्थिर लक्ष्मी का वास होगा और आपको सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी।

 

गुरमीत बेदी 
gurmitbedi@gmail.com


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Related News