हनुमान जयंतीः इस स्तुति का पाठ करने पर मिलेगा लाभ ही लाभ
punjabkesari.in Friday, Apr 19, 2019 - 11:26 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
आज हनुमान जयंती पर बजरंगबली के नाम की स्तुति करने से भगवान अपने भक्तों के सारे कष्ट और दूर कर देते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि हनुमत की स्तुति 12 नामों से करनी चाहिए और यह स्तुति आनन्दरामायण में वर्णित है। हनुमान जी के 12 नामों की स्तुति का एक श्लोक है। जिसमें इनके 12 नामों की महिमा है और हर नाम को जपने से लाभ मिलता है व कष्टों से मुक्ति मिलती। ऐसा माना जाता है कि इस पाठ का जाप करने से शनि की साढ़ेसाती और ढय्या से भी मुक्ति मिल जाती है। तो चलिए जानते हैं 12 नामों वाली स्तुति के बारे में-
हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।
रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम:।।
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।
लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।
स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भेवत्।
राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।।
करें हनुमान जी के 12 नामों का पाठः
हनुमान, ॐ श्री हनुमते नमः।
अर्थ- भक्त हनुमान, जिनकी ठोड़ी में दरार हो।
अञ्जनी सुत, ॐ अञ्जनी सुताय नमः।
अर्थ - देवी अंजनी के पुत्र
वायु पुत्र, ॐ वायुपुत्राय नमः।
अर्थ - पवनदेव के पुत्र
महाबल, ॐ महाबलाय नमः।
अर्थ - जिसके पास बहुत ताकत हो।
रामेष्ट, ॐ रामेष्ठाय नमः।
अर्थ - श्रीराम के प्रिय
फाल्गुण सखा, ॐ फाल्गुण सखाय नमः।
अर्थ - अर्जुन के मित्र
पिङ्गाक्ष, ॐ पिंगाक्षाय नमः।
अर्थ - जिनकी आंखे लाल या सुनहरी हो।
अमित विक्रम, ॐ अमितविक्रमाय नमः।
अर्थ - जिसकी वीरता अथाह या असीम हो।
उदधिक्रमण, ॐ उदधिक्रमणाय नमः।
अर्थ - एक छलांग में समुद्र पार करने वाले।
सीता शोक विनाशन, ॐ सीताशोकविनाशनाय नमः।
अर्थ - माता सीता का दुख दूर करने वाले।
लक्ष्मण प्राण दाता, ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः।
अर्थ - लक्ष्मण के प्राण वापस लाने वाले।
दशग्रीव दर्पहा, ॐ दशग्रीवस्य दर्पाय नमः।
अर्थ - दस सिर वाले रावण का घमंड नाश करने वाले।