Hanuman Janmotsav: आज भी जीवित हैं हनुमान जी, ये है उनके घर का Address

punjabkesari.in Friday, Apr 11, 2025 - 04:10 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जी अजर-अमर हैं। कलियुग में भी उनके दर्शन होते हैं। तुलसीदास जी रामायण में लिखते हैं कलियुग में भी हनुमान जी जीवंत रहेंगे और उनकी कृपा से ही उन्हें श्रीराम और लक्ष्मण जी के साक्षात दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्हें सीताराम जी से आशीर्वाद स्वरूप अजर अमर होने का वर प्राप्त है। हिंदु शास्त्रों के अनुसार एक मंत्र है, अश्वत्थामा बलिर व्यासः हनुमंथरः विभीषणः। कृबा परशुराम च सप्तैतेय चिरंजीविनः।। 

Hanuman Jayantiउपरोक्त मंत्र के अनुसार 7 ऐसे चिरंजीवी महापुरूष हैं जो सदा के लिए अजर-अमर हैं और इनके नाम को सच्चे दिल से याद करने मात्र से भाग्य और आयु में वृद्धि होती है।

जब श्रीराम भूलोक से बैकुण्ठ को चले गए तो हनुमान जी ने अपना निवास पवित्र और ईश्वरीय कृपा से युक्त स्थान गंधमादन पर्वत को बनाया और आज भी वह वहीं निवास करते हैं। इस बात की पुष्टि श्रीमद् भगावत् पुराण में भी की गई है। 

Hanuman Janmotsav

पुराणों के अनुसार गंधमादन पर्वत भगवान शिव के निवास कैलाश पर्वत के उत्तर में अवस्थित है। इस पर्वत पर महर्षि कश्यप ने तप किया था। हनुमान जी के अतिरिक्त यहां गंधर्व, किन्नरों, अप्सराओं और सिद्घ ऋषियों का भी निवास है। माना जाता है की इस पहाड़ की चोटी पर किसी वाहन द्वारा जाना असंभव है। सदियों पूर्व यह पर्वत कुबेर के राज्यक्षेत्र में था लेकिन वर्तमान में यह क्षेत्र तिब्बत की सीमा में है। 

श्री हनुमंत लाल जी श्री रामायण के प्रमुख पात्रों में से हैं। प्रभु राम के अनन्य सेवक भक्त, वेदाध्यायी, राक्षस संहारी वानर देश के राजा केसरी एवं अंजनी के पुत्र हैं, माना जाता है कि प्रभु श्रीराम की कथा में सबसे पहले आने वाले और सबसे अंत में जाने वाले व्यक्ति और कोई नहीं चिरंजीवी हनुमान जी ही होते हैं।

Hanuman Janmotsav

Hanuman ji lives on the Gandhamadana mountain गंधमादन पर्वत पर रहते हैं हनुमान जी
पुराणों के अनुसार, कलियुग में हनुमान जी गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं। एक कथा के अनुसार, अपने अज्ञातवास के समय हिमवंत पार करके पांडव गंधमादन के पास पहुंचे थे। एक बार भीम सहस्रदल कमल लेने के लिए गंधमादन पर्वत के वन में पहुंचें, तब उन्होंने हनुमान जी को वहां आराम करते देखा तो भीम ने उनसे अपनी पूंछ को मार्ग से हटाने के लिए कहा तो हनुमान जी ने कहा कि तुम स्वयं ही हटा लो लेकिन भीम अपनी पूरी ताकत लगाकर भी उनकी पूंछ हटा नहीं पाया था। 

Hanuman Janmotsav

Temple built on Gandhamadana mountain गंधमादन पर्वत पर बना मंदिर
गंधमादन पर्वत पर एक मंदिर भी बना हुआ है, जिसमें हनुमान जी के साथ ही श्रीराम आदि की मूर्तियां भी विराजित हैं। कहते हैं इस पर्वत पर भगवान श्रीराम अपनी वानर सेना के साथ बैठ कर युद्ध के लिए योजना बनाया करते थे। लोक मान्यताओं अनुसार इस पर्वत पर भगवान राम के पैरों के निशान भी हैं।

Hanuman Janmotsav


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News