Gyan Sarovar- अपने दोस्त बनाने से पहले ध्यान रखें ये बात

punjabkesari.in Tuesday, Dec 13, 2022 - 07:58 AM (IST)

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Gyan Sarovar- एक बार एक राजा और मंत्री में विवाद हो गया। राजा बोले, ‘‘मंत्री! संगति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, मनुष्य चाहे अच्छी संगति में रहे या बुरी संगति में। मानव स्वयं सचेत रहे।’’
 
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मंत्री बहुत बुद्धिमान था। उसने बाजार से दो तोते मंगवाए और राजा के सामने ही एक तोते को संतों के आश्रम में भेज दिया और दूसरे तोते को असंतों के मंडप में भेज दिया। समय व्यतीत होता गया। एक वर्ष बीतने के बाद पुन: राजा और मंत्री में विवाद छिड़ गया। राजा उसी हठ में था कि संगति का कोई प्रभाव नहीं होता। मंत्री बुद्धिशील था, उसने दोनों तोतों को मंगवा भेजा। जो संतों के आश्रम से तोता आया था, उससे राजा कहता है ‘‘गंगा राम! बोलो।’’

तोता, ‘‘राजन! बोलो जय सच्चिदानंद भगवान की।’’

राजा ने दूसरे तोते से, जो अभक्तों के यहां से आया था, कहा, ‘‘कहो, गंगा राम!’’
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तोता बोला, ‘‘बकवास क्यों कर रहे हो’’ और साथ ही गालियां भी निकालीं। यह सुन कर राजा को क्रोध आया और सभी लोग तोते को मारने दौड़े।

बीच में ही संतों वाला तोता बोल उठा, ‘‘मैंने मुनिजनों, संतों एवं भक्तों की वाणी सुनी है और इसने दुष्टों की वाणी सुनी है। न तो इसका कोई दोष है और न ही मेरे में गुण है। यह तो संगति का प्रभाव है।’’

यह सुनकर राजा को निश्चय हो गया कि संगति का भी अपना कुछ प्रभाव होता है।
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Content Writer

Niyati Bhandari

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