Guru Vakri 2023: 118 दिन के लिए गुरु होने जा रहे हैं वक्री, ये 5 राशियां रहेंगी भाग्यशाली

punjabkesari.in Wednesday, Aug 09, 2023 - 07:15 AM (IST)

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Guru Vakri 2023: आज बात करेंगे गुरु वक्री के बारे में और ये वक्री होंगे 4 सितंबर से और 31 दिसंबर तक वक्री रहेंगे। 118 तक ये वक्री अवस्था में रहेंगे। आज बताएंगे कि वक्री अवस्था में ऐसी कौन सी राशियां हैं जो भाग्यशाली रहेंगी। ये उनके लिए बढ़िया फल करते हैं, जिनमें ये शुभ गोचर में चल रहे हैं। जब प्लेनेट वक्री होता है तो उसकी चेष्टा बल बढ़ जाता है। तो आइए जानते हैं, कौन सी हैं वो राशियां।

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Gemini मिथुन राशि: मिथुन राशि के लिए गुरु का गोचर ग्यारहवें भाव से हो रहा है। ग्यारहवां भाव गुरु का अपना भाव है। ये गोचर आय में वृद्धि लेकर आएगा। जब गुरु यहां गोचर करेंगे तो दृष्टि पड़ेगी पंचम भाव के ऊपर। ये रिलेशनशिप का भाव है जो सिंगल है उन्हें पार्टनर मिल सकता है। यदि घरवाले कोई रिश्ता ढूंढ रहे हैं तो उसमें सफलता मिल सकती है। जब गुरु ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे तो आपके सप्तम स्थान को देखेंगे, नौवीं दृष्टि के साथ। गुरु की एक दृष्टि जाएगी तीसरे भाव के ऊपर। जो भी फैसला लेंगे वो सफल साबित होगा।

Leo सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों के लिए ये गोचर बढ़िया होने वाला है। गुरु इस समय नौवें भाव से गोचर कर रहे हैं। जब गुरु इस भाव से गोचर करते हैं तो इसके बढ़िया फल मिलते हैं। सिंह राशि के लिए नौवें भाव में सिंह राशि है। गुरु इस भाव में बैठकर सिंह राशि को देख रहे हैं। इस वजह से मन पॉजिटिव रहेगा। गुरु की एक दृष्टि जाएगी पंचम भाव के ऊपर। यदि आप मैरिड हैं तो संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। गुरु नौवें भाव से गोचर करते हैं तो फैसला लेने में कॉन्फिडेंस फील करेंगे।

Libra तुला राशि: तुला राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर सप्तम भाव से हो रहा है। सप्तम भाव से गुरु का गोचर शुभ होता है। गुरु की मीन राशि जाएगी अष्टम भाव में और धनु राशि जाएगी तीसरे भाव में। कुंडली में दोनों भाव बढ़िया नहीं होते। गुरु ज्ञान, संतान और धन के कारक हैं। इन मामलों में तुला राशि वालों को बहुत फायदा होने वाला है। गुरु जब सप्तम में बैठेंगे तो ग्यारहवें भाव को एक्टिव करेंगे, पांचवी दृष्टि के साथ। यदि आप जॉब में प्रमोशन की वेट कर रहे हैं तो आपकी इच्छा पूरी हो सकती है। एक दृष्टि जाएगी आपकी राशि के ऊपर और वहां पर केतु का गोचर हो रहा है। केतु का गोचर यहां से हट जाएगा तो आपको बढ़िया फल देखने को मिलेगा। मानसिक और शारीरिक तौर पर खुद को बहुत मजबूत पाएंगे। एक दृष्टि पड़ेगी तीसरे भाव के ऊपर। यहां से भाई-बहन का भाव देखा जाता है। अगर इनके साथ कोई मन-मुटाव चल रहा था तो वो खत्म हो सकता है।

Sagittarius धनु राशि: धनु राशि गुरु की अपनी राशि है। इसकी दूसरी मीन राशि चौथे भाव में रहेगी। गुरु आपको लग्न के भी फल करेंगे, चौथे भाव के भी फल करेंगे। गुरु 4 भावों के कारक हैं। गुरु का गोचर हो रहा है आपकी कुंडली में पंचम भाव में। पंचम से स्थान, रिलेशनशिप देखा जाता है। गुरु की एक दृष्टि होती है नौवें भाव के ऊपर। नौवें भाव पांचवे से पांचवां होता है। यदि संतान की चाह है तो वहां से भी खुशख़बरी सुनने को मिल सकती है। जब गुरु भाग्य स्थान को एक्टिवेट करते हैं तो यहां से अध्यात्म भी देखा जाता है। किसी धार्मिक यात्रा पर भी जा सकते हैं। गुरु जब पंचम में बैठते हैं तो ग्यारहवें भाव को देखते हैं। ग्यारहवां भाव से मनी का फ्लो देखा जाता है। पैसों को लेकर कोई दिक्कत नहीं आएगी।

Pisces मीन राशि: मीन राशि भी गुरु की अपनी राशि है। गुरु की इस राशि से गुरु दूसरे भाव में गोचर करेंगे। निश्चित तौर पर आपको इसका फायदा देखने को मिलेगा। गुरु की एक दृष्टि जाएगी छठे भाव के ऊपर। यदि आप किसी कर्ज से पीड़ित हैं तो उसमें भी राहत देखने को मिल सकती है। यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसमें भी राहत देखने को मिलेगी। गुरु की एक दृष्टि आती है दसवें भाव के ऊपर। दसवां आप कर्म स्थान होता है। नौकरी, कारोबार सब यहीं से देखा जाता है। एक दृष्टि जाएगी अष्टम भाव के ऊपर। यहां से छुपे हुए धन का विचार देखा जाता है। हो सकता है बिन सोचे ही बहुत सा धन मिल जाए।

नरेश कुमार
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Niyati Bhandari

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