Gopeshwar Mahadev: क्यों कहलाते हैं भगवान शिव गोपेश्वर ? जानिए रासलीला और श्री कृष्ण से जुड़ा रहस्य
punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 02:23 PM (IST)

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Gopeshwar Mahadev: मथुरा के वृंदावन में स्थित गोपेश्वर महादेव मंदिर अपने अद्भुत रहस्य और शिव जी के विशेष रूप के कारण भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। इस मंदिर में भगवान शिव प्रातःकाल पुरुष रूप में और सायंकाल नारी स्वरूप में दर्शन देते हैं। यह रूप उनके श्रीकृष्ण से जुड़े एक अलौकिक प्रसंग की ओर इशारा करता है।
शिव जी कैसे बने गोपेश्वर ?
पौराणिक मान्यता के अनुसार, द्वापर युग में जब भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन में गोपियों के साथ महारास रचाते थे, तब यह रास केवल गोपियों के लिए ही था। इसमें केवल श्रीकृष्ण ही एकमात्र पुरुष रूप में उपस्थित रहते थे और हजारों गोपियां उनकी संगति में रास करती थीं। कहा जाता है कि यह रासलीला केवल एक रात की थी, लेकिन श्रीकृष्ण की योगमाया शक्ति से यह रात छह महीने तक चलती रही, जिससे सूर्य का उदय ही नहीं हुआ।
शिव का गोपी रूप में रास में प्रवेश
इस अद्भुत रासलीला के बारे में सुनकर भगवान शिव भी इसमें सम्मिलित होने की इच्छा से वृंदावन पहुंचे। लेकिन गोपियों ने उन्हें प्रवेश देने से मना कर दिया क्योंकि वहां केवल नारियों को ही प्रवेश की अनुमति थी।तब शिव जी ने अपनी योग शक्ति से एक गोपी का रूप धारण किया और रासलीला में शामिल हो गए। जब श्रीकृष्ण ने उन्हें देखा, तो वे तुरंत समझ गए कि यह कोई सामान्य गोपी नहीं बल्कि स्वयं महादेव हैं। उन्होंने प्रेमपूर्वक शिव से कहा: आओ गोपेश्वर और उन्हें इस रूप में ब्रज में ही वास करने का अनुरोध किया।
आज भी होती है गोपेश्वर रूप की पूजा
इसी कारण वृंदावन के बनखंडी क्षेत्र में स्थित गोपेश्वर महादेव मंदिर में शिव जी को विशेष रूप से पूजित किया जाता है। यहां रोज शाम को शिव को स्त्री रूप में सजाया जाता है, जो उस गोपी रूप की याद दिलाता है जिसमें वे रासलीला में शामिल हुए थे।