गीता ज्ञानः हर व्यक्ति को करने चाहिए ये 2 काम
punjabkesari.in Monday, Mar 25, 2019 - 03:48 PM (IST)
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शास्त्रों में ऐसा लिखा है कि अगर मनुष्य जीवन मिला है तो व्यक्ति के जीवन में दुख और सुख लगे ही रहेंगे। लेकिन ऐसा अक्यर देखा गया है कि अच्छे समय के बारे में बात तो हर कोई करता किंतु बुरे वक्त का जिक्र कोई नहीं करता और न ही उसे कोई याद करना चाहता है। व्यक्ति को एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि अगर बुरा समय आया है तो वो ज्यादा समय तक नहीं रहता क्योंकि भी चीज़ जीवन में अधिक समय तक नहीं टिकती फिर वो चाहे दुख हो या सुख। गीता में कहा गया है कि भगवान का नाम हर समय लेते रहना चाहिए। कई बार ऐसा देखा गया है कि लोग अपने बुरे टाइम पर ही भगवान को याद करते हैं या फिर यूं कहे कि उन्हें कोसते हैं। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए। व्यक्ति को अच्छे व बुरे दोनों समय पर भगवान को याद करते रहना चाहिए, क्योंकि भगवान जो कुछ करता है व्यक्ति के भले के लिए ही करता है। तो चलिए आज हम जानते एक कहानी के माध्यम से कि कैसे व्यक्ति को हर समय भगवान को याद करना चाहिए।
एक किसान बहुत गरीब था, लेकिन वो अपने जीवन से बहुत खुश था। वह रोज़ सुबह अपनी पत्नी के साथ नियम से मंदिर जाया करता और 10 मिनट तक भगवान से प्रार्थना करता था। वह बहुत ज्यादा मेहनती और ईमानदारी से अपना काम करता था। उसके पास जितना पैसा आता उसे वह लोगों की भलाई के लिए इस्तेमाल करता था। एक दिन उसका बेटा किसी बीमारी के चलते बहुत ज्यादा बीमार हो गया। अस्पताल लेकर गए तो इलाज बहुत महंगा था और डॉक्टरों ने इलाज के लिए दस हजार मांगे थे।
वह किसान दिन-बे-दिन हिम्मत हार रहा था और एक दिन वह अस्पताल में बैठे-बैठे ही जोर-जोर से रोने लगा और इसके साथ ही कहने लगा कि पता नहीं किस चीज का बदला भगवान मुझसे ले रहे हैं। कभी वह खुद को कोसता तो कभी भगवान को लेकिन किसान की पत्नी को भगवान पर अटूट विश्वास था। लेकिन किसान को आशा की कोई किरण नजर नहीं आ रही थी। अस्पताल के पास ही एक मंदिर था और किसान की पत्नी हर रोज उस मंदिर में प्रार्थना करने जाती थी। वह भगवान के आगे हाथ जोड़कर प्रार्थना करती कि उसका पुत्र ठीक हो जाए।
एक दिन मंदिर में एक सेठ आया और उसने किसान की पत्नी को कहा कि उसने किसान की बात उस दिन अस्पताल में सुनी थी। सेठ को बातों ही बातों में पता चला कि किसान को दस हजार रुपए की जरुरत है। इस पर सेठ ने अपनी जेब से दस हजार निकालकर देते हुए बोला कि उसके पास इतने रुपए ही हैं और साथ ही सेठ ने कागज पर अपना पता लिखते हुए कहा कि अगर उनको और पैसों की आवश्यकता हो तो वे बेहिचक मांग लें। महिला ने उत्तर दिया इस कागज की कोई आवश्यकता नहीं है। वो जानती है कि ये पैसे उसको किसने भेजवाएं हैं। जिसने उसे ये पैसे दिए हैं वह परमात्मा उसका हमेशा ख्याल रखेंगे।
इसे भगवान पर अटूट विश्वास कहते हैं जिसे हर व्यक्ति अपने दुख के समय में भूल जाता है। जबकि उसे हमेशा याद रखना चाहिए कि अगर दुख मिला है तो उसका हल भी भगवान ने जरूर रखा होगा और उसे सही समय का इंतज़ार करना चाहिए और भगवान पर भरोसा रखना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण गीता के नौवें अध्याय के 22 वें श्लोक में कहते हैं कि जो मनुष्य मेरे ऊपर मन लगाते हैं, मेरा ध्यान करते हैं। मैं उनको वो प्रदान करता हूं जो उनके पास नहीं है और साथ ही जो उनके पास है मैं उसकी रक्षा भी करता हूं। इसलिए यह बहुत जरुरी है कि हम अपने बुरे वक्त में परमात्मा पर भरोसा रखें। इसके अलावा गीता के दूसरे अध्याय के 14 वें श्लोक में कहा है कि सुख और दुख का भाव इंद्रियों से निकलता है। ये मौसम के समान है यानि ये सुख और दुख दोनों ही हमेशा नहीं रहेंगे। इसलिए हमें सुख और दुख का समान भाव से सामना करना चाहिए।
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