Kalashtami: कालाष्टमी पर शराब बनाएगी बिगड़े काम

punjabkesari.in Monday, Jan 20, 2025 - 02:58 PM (IST)

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Kalashtami Rituals and Bhog: कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन श्रद्धालु उनकी कृपा पाने के लिए विभिन्न प्रकार के भोग चढ़ाते हैं। बाबा काल भैरव को शराब चढ़ाने की परंपरा खासतौर पर उनकी तांत्रिक साधना और भक्तों की श्रद्धा से जुड़ी हुई है। आइए जानते हैं इसके लाभ और अन्य भोग विकल्प:

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शराब चढ़ाने के लाभ
नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति:
शराब चढ़ाने से नकारात्मक शक्तियों और बुरी ऊर्जा का नाश होता है। यह भैरव पूजा में शक्ति और साहस प्रदान करता है।

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तांत्रिक साधना में प्रभाव:
तांत्रिक साधना में शराब को अर्पित करना बाबा की कृपा और आध्यात्मिक जागृति को तेज करता है।

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भय और संकट से रक्षा:
बाबा काल भैरव को शराब चढ़ाने से जीवन में भय, संकट और शत्रु बाधाएं दूर होती हैं।

मनोकामना पूर्ति: यह बाबा को प्रसन्न करने का एक माध्यम माना जाता है, जिससे भक्त की इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

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शराब के अतिरिक्त अन्य भोग
अगर आप शराब अर्पित नहीं करना चाहते, तो बाबा काल भैरव को अन्य भोग भी चढ़ा सकते हैं:

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सरसों का तेल:
दीप जलाने के लिए सरसों का तेल अर्पित करना शुभ माना जाता है।

उड़द दाल और चावल:
उड़द दाल और चावल का भोग बाबा को प्रिय है। इसे चढ़ाने से कष्टों का निवारण होता है।

काले तिल और गुड़:
काले तिल और गुड़ से बाबा की पूजा करना शत्रुओं से रक्षा करता है।

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मीठा पान:
मीठा पान बाबा को प्रिय है। इसे अर्पित करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं।

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लड्डू या मिष्ठान्न:
विशेष रूप से गुड़ और तिल से बने लड्डू अर्पित किए जा सकते हैं।

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नारियल और पान:
नारियल, सुपारी और पान बाबा को चढ़ाकर उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है।

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पूजा के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
पूजा करते समय बाबा की प्रिय वस्तुओं जैसे काला कपड़ा, काला तिल, और सरसों का तेल शामिल करें।
"ॐ कालभैरवाय नमः" या "काल भैरव अष्टकं" का पाठ करें।
पूजन स्थल पर साफ-सफाई का ध्यान रखें और श्रद्धा भाव से भोग अर्पित करें।

कालाष्टमी के दिन ध्यान रखें :
भोग में श्रद्धा और भावना अधिक महत्वपूर्ण होती है। शराब चढ़ाना अनिवार्य नहीं है। यह परंपरा और मान्यता पर आधारित है। आप अपनी आस्था और सुविधा के अनुसार भोग अर्पित कर सकते हैं। बाबा काल भैरव अपने भक्तों की सच्ची भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं। 

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Content Writer

Niyati Bhandari

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