Ganpati Visarjan: गणपति विसर्जन में रखें कुछ बातों का ध्यान, हर वर्ष नए उत्साह और ऊर्जा के साथ बप्पा फिर से घर आएंगे
punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 06:36 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Ganpati Visarjan 2025: गणपति विसर्जन का अर्थ है गणेश चतुर्थी पर घर, पंडाल या मंदिर में स्थापित गणेश जी की प्रतिमा को नदी, तालाब, समुद्र या किसी जलाशय में विधिवत विसर्जन करना। यह प्रक्रिया गणेशोत्सव का समापन माना जाता है। गणेश जी को आमंत्रित करके घर लाया जाता है और पूजा-अर्चना के बाद उन्हें विदा किया जाता है। गणपति जी की मिट्टी से बनी प्रतिमा जल में मिलकर प्रकृति में लौट जाती है, जिससे जीवन की अस्थायीता और पुनर्जन्म का सिद्धांत समझाया जाता है। विसर्जन यह भी दर्शाता है कि हर वर्ष नए उत्साह और नई ऊर्जा के साथ गणपति बप्पा फिर से घर आएंगे। गणपति बप्पा मोरया नाचते-गाते, ढोल-ताशे बजाते हुए उत्साह से गणपति को विदा करें।
Do this work on the day of Ganpati Visarjan गणपति विसर्जन के दिन करें ये काम:
आपके घर का मुख्य प्रवेश द्वार बेहतरीन अवसरों को आप तक पहुंचाने में मदद करता है। इसलिए मेन गेट के सामने कोई अवरोध नहीं होना चाहिए। घर के प्रवेशद्वार पर रंगोली बनाने की परंपरा भारत में सदियों से चली आ रही है। दरवाजे के सामने खूबसूरत रंगोली बनाएं।
गणपति विसर्जन पर की जाने वाली सजावट सात्विक और परंपरा के अनुकूल होनी चाहिए।
भगवान गणेश का मंडप बनाने के लिए बांस को प्रयोग में लाएं। उसको केले के पत्तों से सजाएं।
गणेश जी के श्री स्वरूप को लाल रंग के वस्त्र पहनाएं तथा उनका पूरा श्रृंगार करें।
घर आए मेहमानों का मुंह गणपति के भोग मोदक से अवश्य मीठा करवाएं। इससे रिश्तों में भी मिठास बनी रहेगी।
विसर्जन से पहले गणपति जी की आरती और प्रार्थना करें।
गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
गणेश जी को विशेष रूप से लड्डू, बाटी, खीर एवं गजा कड़ा (घी वाली मोटी रोटी) का भोग लगाएं।
Keep these things in mind during Ganpati Visarjan गणपति विसर्जन में इन बातों का रखें ध्यान:
गणपति के पीठ में दरिद्रता का वास होता है इसलिए उनकी पीठ के दर्शन न करें।
मध्यान पूर्व विसर्जन करें।
एक घर में तीन गणपति की पूजा न करें।
Ganpati Visarjan Mantra गणपति विसर्जन मंत्र – “गच्च गच्च परमानंद सदनं त्वं गणाधिप। पुनरागमनायाथ गृहेष्मिन स्थिरो भव॥”
अर्थात- हे गणपति, आप आनंद के स्वरूप हैं। अगले वर्ष पुनः आगमन का वचन देकर हमारे घर से विदा हों।
Method of Visarjan of Ganesha in water जल में गणेश जी के विसर्जन की विधि– बप्पा की प्रतिमा को धीरे-धीरे पानी में प्रवाहित करें। आजकल बड़ी संख्या में इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमा का प्रयोग किया जाता है ताकि जल प्रदूषण न हो। कई लोग छोटे कृत्रिम तालाब में ही विसर्जन करते हैं और बाद में उस जल को पौधों में डालते हैं।