Ganesh Vastu Rules: गणेश चतुर्थी पर करने वाले हैं बप्पा का स्वागत, फॉलो करें गणपति स्थापना के सुझाव
punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 02:45 PM (IST)

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Ganesh Chaturthi Vastu Tips: गणेश चतुर्थी एक प्रमुख हिंदू पर्व है जो भगवान गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता (बाधाओं को दूर करने वाले), सिद्धिदाता (सफलता देने वाले) और बुद्धि, विवेक तथा समृद्धि के देवता माना जाता है। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को यह पर्व मनाया जाता है। यह आमतौर पर अगस्त या सितंबर में आता है। वर्ष 2025 में यह पर्व 27 अगस्त बुधवार को है।
गणेश चतुर्थी का पर्व हमें बताता है कि जीवन में हर शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी के स्मरण से करनी चाहिए। यह पर्व सामूहिक रूप से मनाया जाता है, जिससे समाज में एकता और भाईचारा बढ़ता है। महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इसका विशेष उत्साह देखने को मिलता है, जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम और झांकियां भी होती हैं।
गणेश चतुर्थी के दौरान घर में गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करते समय वास्तु के कुछ नियमों का पालन करना शुभ माना जाता है। मुख्य रूप से, मूर्ति को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, गणेश जी की पीठ घर के किसी भी कमरे की तरफ नहीं होनी चाहिए और उन्हें कभी भी सीढ़ियों के नीचे या अशुद्ध स्थान पर नहीं रखना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि गणेश जी की मूर्ति का मुख घर के मुख्य द्वार की ओर हो। यह सुनिश्चित करता है कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे।
गणेश जी की मूर्ति के साथ मोदक, मूषक और दूर्वा अवश्य रखें। बैठी हुई मुद्रा में गणेश जी की मूर्ति शुभ मानी जाती है। यदि अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं, तो गणेश जी की मूर्ति का आकार उनके सापेक्ष होना चाहिए।
गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करते समय लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान लाल रंग के फूल और चंदन का इस्तेमाल करें। गणेश जी के सामने दीपक जलाएं। गणेश जी की स्थापना से विसर्जन तक अखंड ज्योति जलाना शुभ माना जाता है। पूजा कक्ष को साफ-सुथरा और पवित्र रखें।