Ganesh Utsav Story: शिवाजी महाराज ने किया गणेश उत्सव का शुभारंभ, लोकमान्य तिलक ने रखी नींव
punjabkesari.in Tuesday, Aug 26, 2025 - 08:30 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Ganesh Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले बड़े त्यौहारों में से एक है गणपति उत्सव। हर घर में गणेश जी के स्वागत की तैयारी जोरों पर होती है। बप्पा भी अपने भक्तों का आतिथ्य स्वीकार करके उनके सभी विध्नों का हरण करते हैं। वैसे तो यह महाराष्ट्र में मनाए जाने वाला सामाजिक पर्व है लेकिन वर्तमान समय में इसकी धूम भारत भर में देखने को मिल रही है। गणेश चतुर्थी के बाद दस दिनों तक लगातार गणेशोत्सव की धूम देखने को मिलती है। गणेश चतुर्थी आस्था से तो जुड़ा ही हुआ है, लेकिन स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में भी इसकी खास अहमियत रही है।
गणेश चतुर्थी कब से मनाई जा रही है इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन महाराष्ट्र में सबसे पहले इस त्यौहार की शुरुआत करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज ही थे। 1818 से लेकर 1892 तक इस त्यौहार को घरों में मनाया जाने लगा। स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने लोगों के घरों तक सीमित रहने वाले गणेश चतुर्थी को बड़े सार्वजनिक समारोह तब्दील कर दिया और 1893 में गणेश उत्सव को सामाजिक और धार्मिक तौर पर मनाना शुरू कर दिया गया।
कह सकते हैं कि लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने ही गणेशोत्सव की नींव रखी थी। इस त्यौहार को मनाने के पीछे का उद्देश्य अंग्रेजों के खिलाफ भारतीयों को एकजुट करना था। आज जिस गणेशोत्सव को लोग इतनी धूमधाम से मनाते हैं, उस पर्व को शुरू करने में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
1890 के दशक में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान तिलक अक्सर चौपाटी पर समुद्र के किनारे बैठते और इसी सोच में डूबे रहते कि आखिर लोगों को जोड़ा कैसे जाए। अंग्रेजों के खिलाफ एकजुटता बनाने के लिए उन्होंने धार्मिक मार्ग चुना। तिलक ने सोचा कि क्यों न गणेशोत्सव को घरों से निकाल कर सार्वजनिक स्थल पर मनाया जाए, ताकि इसमें हर जाति के लोग शिरकत कर सकें।