यहां स्थित है भगवान गणेश की जुड़वा मूर्तियां, बेहद है आकर्षक
punjabkesari.in Wednesday, Aug 31, 2022 - 03:01 PM (IST)

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गणेश चतुर्थी के महापर्व पर आज हम आपको ऐसे गणेश प्रतिमा की दर्शन करा रहे हैं जो विश्व भर में विख्यात है। बता दें इस मंदिर को बारसूर गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर को लेकर बताया जाता है छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के बारसूर ग्राम में स्थित यह मंदिर 11वीं शताब्दी में छिंदक नागवंश के राजा बाणासुर ने स्थापित किया था, जहां भगवान गणेश की विश्व की तीसरी सबसे बड़ी प्रतिमा स्थित है। कहा जाता है पूरे विश्व में केवल बारसूर में ही भगवान गणेश की जुड़वा प्रतिमा है, जिसे देखने केवल देश से ही नही बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें दंतेवाड़ा शहर से करीब 31 कि.मी दूर और छत्तीसगढ़ की राजधानीह रायपुर से करीब 390 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है देवनगरी बारसूर, जिसे देव नगरी के नाम से जाना जाता है। दरअसल इसको देव नगरी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यहां रियासत काल में 147 तालाब और 147 मंदिर हुआ करते थे, जो अपने आप में ऐतिहासिक है।
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इन मंदिरों में जिन्हें सबसे विशेष माना जाता था वो आज भी यहां मौजूद हैं। बताया जाता है इन्हें पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षण और संवर्धन कर रखा है। इन्हीं में से ये गणेश मंदिर, जिसमें भगवान गणेश की विशाल प्रतिमा साढ़े 7 फीट ऊंची है तथा दूसरी प्रतिमा साडे साढ़े 5 फीट ऊंची है। यह दोनों मूर्तियां मोनोलिथिक है, यानि कि एक चट्टान को बिना कांटे-छांटे और बिना जोड़े-तोड़े बनाई गई मूर्तियां हैं।
मंदिर के पुजारियों द्वारा बताया जाताै है कि इन मूर्तियों को बनाने में कलाकार ने गजब कलाकारी दिखाई है, जहां एक मूर्ति में भगवान गणेश ने लड्डू छुपाके या संभाल के रखे हैं, तो वहीं दूसरी मूर्ति में बप्पा इन लड्डुओं का भोग लगा चुके हैं। कलाकार ने एक ही पत्थर में दो अलग-अलग भाव दर्शा दिए हैं, यह दोनों मूर्तियां बालू यानि रेत के चट्टानों से बनाई गई है।