गणेश जी का वाहन चूहा आपके घर में मचा रहा है धमाल, मारे नहीं हो जाएं सावधान

punjabkesari.in Wednesday, Dec 02, 2020 - 10:09 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Shri ganesh ji ka vahan chuha kyon: शास्त्रों के मतानुसार प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश का वाहन मूषक को माना जाता है। इसी वजह से घर में आए चूहों को मारने से जीव हत्या का पाप लगता है। अत: जहां तक संभव हो चूहों को घर से भगा दें मगर उन्हें मारे कदापि नहीं। यदि चूहे घर में ही मर जाएं तो घर में बदबू तो फैलती ही है साथ ही स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है और मरे हुए चूहों की गंध से घर के वातावरण में नकारात्मकता का संचार होता है।

PunjabKesari ganesh ji chuha
Ghar me chuha ana: घर में आया चूहा भविष्य के संकेत देता है जानें कैसे
जहाज से चूहे भागने लगे तो समझ जाएं की कोई दुर्घटना होने वाली है।

घर में काले चूहे बढ़ जाएं तो समझ लें कि घर का कोई सदस्य किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने वाला है।

चूहे लकड़ी के फर्नीचर को कुतरने लगे तो समझ जाएं कि घर में कोई बुरी घटना हो सकती है अथवा दुखद समाचार मिल सकता है।

PunjabKesari ganesh ji chuha
Chuha Kaise Bana Ganesh ji ka Vaahan-चूहा कैसे बना गणपति जी का वाहन: द्वापर युग के समय की घटना है महर्षि पराशर अपने आश्रम में ध्यान मग्न थे। तभी कहीं से बहुत ही शक्तिशाली मूषक आया और महर्षि पराशर के ध्यान में विध्न डालने लगा और उनके आश्रम में रखे अनाज, वस्त्र और ग्रंथों को कुतर डाला। उस मूषक को रोकने का भरसक प्रयास किया गया किंतु वह पकड़ से बाहर रहा। उसने सारे आश्रम को अस्त व्यस्त कर दिया।

PunjabKesari ganesh ji chuha
जब वह थक हार गए तो अपने इस विघ्न से उभरने के लिए विघ्नहर्ता की शरण में गए और उनकी उपासना करने लगे। गणेश जी महर्षि की उपासना से हर्षित हुए और उपद्रवी मूषक को पकड़ने के लिए अपना पाश फेंका। पाश को अपनी तरफ बढ़ते देख मूषक भागता हुआ पाताल लोक पहुंच गया। पाश ने उसका पीछा न छोड़ा और उसे बांधकर गणेश जी के सामने उपस्थित किया।गणेश जी की बलिष्ठ काया को देख कर वह उनका स्तवन करने लगा।

गणेश जी उसके स्तवन से खुश हुए और बोले," तुमने महर्षि पराशर के आश्रम में इतनी उथल- पुथल क्यों मचाई यही नहीं उनका ध्यान भी भंग किया।"

मूषक कुछ न बोला चुपचाप खड़ा रहा। गणेश जी आगे बोले,"अब तुम मेरे आश्रय में हो इसलिए जो चाहो मुझ से मांग लो।"

PunjabKesari ganesh ji chuha
गणेश जी के मुख से ऐसे वचन निकलते ही मूषक का घमंड उत्पन्न हुआ और वह बड़े गर्व से गणेश जी को बोला," मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए। हां, अगर आप चाहें तो मुझसे कुछ मांग सकते हैं।"

गणेश जी उसकी बात सुनकर मुस्कुराए और बोले," ठीक है मूषक अगर तुम मुझे कुछ देना चाहते हो तो तुम मेरे वाहन बन जाओ।"

उसी पल से मूषक गणेश जी का वाहन बन गया लेकिन जैसे ही गणेश जी ने मूषक पर पहली स्वारी की तो गणेश जी की भारी भरकम देह से वह दबने लगा। मूषक का घमंड चूर-चूर हो गया और वह गणेश जी से बोला," गणपति बप्पा! मुझे माफ कर दें। आपके वजन से मैं दबा जा रहा हूं।"

PunjabKesari ganesh ji chuha
Ganesh ji ke vahan Chuhe se kya seekh milti hai: अपने वाहन की प्रार्थना पर गणेश जी ने अपना भार कम कर लिया। इस घटना के उपरांत से ही मूषक गणेश जी का वाहन बनकर उनकी सेवा में लगा गया। गणेश जी का चूहे पर बैठना इस बात का संकेत है कि उन्होंने स्वार्थ पर विजय पाई है और जनकल्याण के भाव को अपने भीतर जागृत किया है।गणेश पुराण के अनुसार प्रत्येक युग में गणेश जी का वाहन बदलता रहता है। सतयुग में गणेश जी का वाहन सिंह है। त्रेता युग में गणेश जी का वाहन मयूर है और वर्तमान युग यानी कलियुग में उनका वाहन घोड़ा है।

PunjabKesari ganesh ji chuha

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Related News